विश्व धरोहर सांची में बौद्ध विचार पर केंद्रित दो दिवसीय महाबोधी महोत्सव का समापन
रायसेन, 30 नवंबर (हि.स.)। यूनेस्को विश्व धरोहर सांची में मप्र संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय महाबोधी महोत्सव का रविवार देर रात भव्य समापन हुआ। बौद्ध कला, विचार और भारतीय–श्रीलंकाई सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित यह आयोजन बुद्ध जम्बूद्वीप पार्क में जिला प्रशासन रायसेन और महाबोधी सोसायटी ऑफ श्रीलंका के सहयोग से सम्पन्न हुआ।
श्रीलंका की ललिता गोमरा की मनमोहक प्रस्तुतियाँ
समारोह के अंतिम दिन श्रीलंका की कलाकार ललिता गोमरा और उनके दल ने लोकनृत्य एवं लोकगायन की अद्भुत प्रस्तुतियाँ देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उन्होंने हिमी सरनामर लोक शिवंकर, मिथ मल पिपिदेवा, तथा पारंपरिक मंगलम पूजा जैसे गीतों पर प्रस्तुति दी, जो श्रीलंका में त्योहारों के दौरान आशीर्वाद प्राप्ति हेतु गाए जाते हैं।
इसके बाद दल ने प्रसिद्ध वेस नृत्य प्रस्तुत किया, जिसकी उत्पत्ति प्राचीन कोहोम्बा कंकरिया अनुष्ठान से मानी जाती है। अंत में कलाकारों ने बुद्धं शरणं गच्छामि पर नृत्य प्रस्तुत कर वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में गूंजा साहित्यिक स्वर
समापन अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देशभर के सुप्रसिद्ध कवियों ने काव्यपाठ किया।
इसमें सूर्यकुमार पाण्डेय (लखनऊ), स्वयं श्रीवास्तव (उन्नाव), सुमित मिश्रा (ओरछा), अभिसार शुक्ला (दिल्ली), हिमांशी बाबरा (मेरठ), मनु वैशाली (दिल्ली), दीपक शुक्ला (भोपाल) और चेतन चर्तित (इंदौर) शामिल रहे।
कवियों ने हास्य, व्यंग्य, भक्ति और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। हास्य कविताओं से लेकर भावपूर्ण रचनाओं तक, पूरी सभा देर रात तक तालियों से गूंजती रही।




