ऐतिहासिक रही है भारत की एएफसी अंडर-17 एशियन कप 2026 के क्वालिफिकेशन की कहानी
नई दिल्ली, 01 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय फुटबॉल चुनौतियों के बीच से उभर रहा है। जहां इंडियन सुपर लीग का भविष्य अनिश्चित है और सीनियर टीम एएफसी एशियन कप 2027 के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी, वहीं अंडर-17 टीम ने देश को गर्व से भर दिया। अहमदाबाद स्थित ईकेए एरिना में भारत ने ईरान को 2-1 से हराकर सीधे 2026 एएफसी अंडर-17 एशियन कप का टिकट हासिल किया।
ग्रुप डी—संघर्ष, निराशा और शानदार वापसी
भारत के समूह में ईरान, लेबनान, फिलिस्तीन और चीनी ताइपे जैसी मजबूत टीमें थीं। शुरुआत फिलिस्तीन के खिलाफ 1-1 ड्रा से हुई, जहां शुबहम पूनिया के गोल के बावजूद भारत जीत नहीं बचा सका।
इसके बाद चीनी ताइपे के खिलाफ कप्तान दलालमुइन गांगटे की हैट्रिक ने भारत को 3-1 की शानदार जीत दिलाई और अभियान को नई दिशा दी।
लेबनान के खिलाफ 0-2 की हार ने भारत की स्थिति कमजोर कर दी, लेकिन उम्मीदें बरकरार रहीं। अब रास्ता साफ था—ईरान को हराना ही होगा।
भारत बनाम ईरान—करो या मरो का ऐतिहासिक मुकाबला
ईरान ने 19वें मिनट में बढ़त बनाई, लेकिन हाफ टाइम से पहले ही गांगटे ने पेनल्टी को गोल में बदलकर भारत को बराबरी दिलाई। दूसरे हाफ में गुनलेइबा वांगखेइरकपम ने 52वें मिनट में शानदार गोल कर भारत को निर्णायक 2-1 की बढ़त दिलाई।
अंतिम मिनटों में ईरान ने पूरा दबाव बनाया, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने जज़्बे और अनुशासन से जीत को बचाए रखा।
टीम का चमकता सितारा—दलालमुइन गांगटे
15 वर्षीय कप्तान गांगटे इस अभियान के सबसे बड़े नायक साबित हुए। चार मैचों में चार गोल, जिनमें चीनी ताइपे के खिलाफ हैट्रिक और ईरान के खिलाफ दबावपूर्ण पेनल्टी शामिल है। नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी से जुड़े यह युवा स्टार भारतीय फुटबॉल के भविष्य की मजबूत नींव हैं।
अंतिम परिणाम
भारत ने 10वीं बार एएफसी अंडर-17 एशियन कप के लिए क्वालिफाई करते हुए फुटबॉल प्रेमियों को नई ऊर्जा और उम्मीद दी है। यह जीत केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय फुटबॉल के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बन गई है।




