प्रधानमंत्री मोदी ने की अनूठी वैदिक साधना की प्रशंसा
वाराणसी, 02 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर निवासी 19 वर्षीय वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे की असाधारण साधना की सराहना की। देवव्रत ने काशी में शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले ‘दण्डकर्म पारायणम्’ का 50 दिन तक अखंड जप कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। यह अनुष्ठान वाराणसी के रामघाट स्थित वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय में 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक सम्पन्न हुआ।
200 वर्ष बाद काशी में हुआ ऐसा दुर्लभ अनुष्ठान
देवव्रत ने बिना किसी ग्रंथ की सहायता, केवल स्मरण से, शुद्ध उच्चारण के साथ 50 दिनों तक निरंतर पाठ किया। काशी में लगभग दो शताब्दियों बाद इतना बड़ा ‘दण्डक क्रम पारायण’ सम्पन्न हुआ है। इससे पहले इसी प्रकार का अनुष्ठान महाराष्ट्र के नासिक में वेदमूर्ति नारायण शास्त्री देव द्वारा किया गया था।
PM मोदी बोले—देवव्रत आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा—
“देवव्रत महेश रेखे की उपलब्धि जानकर मन प्रफुल्लित हुआ। उन्होंने 2000 मंत्रों वाले दण्डकर्म पारायणम् को 50 दिन तक बिना अवरोध पूरा किया। यह हमारी गुरु परंपरा और वैदिक संस्कृति का श्रेष्ठतम स्वरूप है। काशी के सांसद के रूप में मुझे गर्व है कि यह तपस्या इसी पावन भूमि पर सम्पन्न हुई।”
प्रधानमंत्री ने देवव्रत के परिवार, संत-मुनियों और वैदिक संस्थानों को भी प्रणाम किया जिन्होंने इस साधना में सहयोग दिया।
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य ने किया सम्मान
देवव्रत की इस साधना पर श्री श्रृंगेरी शारदा पीठ के शंकराचार्य ने भी उन्हें सम्मानित किया। विद्यालय के 100 वर्ष के इतिहास में यह केवल दूसरी बार हुआ है जब ‘दण्डक क्रम’ का इतने उच्च स्तर पर अखंड जप किया गया।
विश्वनाथ धाम में हुआ विशेष कार्यक्रम
देवव्रत की उपलब्धि पर बीते रविवार काशी विश्वनाथ धाम में ‘शुक्ल यजुर्वेद शिवगर्जना’ कार्यक्रम हुआ। यह आयोजन आचार्य श्रीकृष्ण शास्त्री गोडशे गुरूजी के जन्मशताब्दी वर्ष को समर्पित रहा। इसमें अयोध्या राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पद्मश्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी उपस्थित रहे।




