नई दिल्ली, 02 दिसंबर (हि.स.)। राज्यसभा ने मंगलवार को मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा के बाद लोकसभा को वापस भेज दिया। यह विधेयक मणिपुर में लागू जीएसटी 2.0 सुधारों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। लोकसभा इसे सोमवार को पहले ही पारित कर चुकी है।
वित्त मंत्री सीतारमण का विपक्ष पर हमला
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर मणिपुर को लेकर “मगरमच्छ के आंसू” बहाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार मणिपुर का मुद्दा उठाता है, लेकिन जब राज्यहित से जुड़े विधेयक सदन में आते हैं, तो बहस में शामिल होना भी आवश्यक नहीं समझता।
सीतारमण ने कहा—
“विपक्ष सदन में मणिपुर के नाम पर भावनाएं तो दिखाता है, लेकिन राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े विधेयकों पर चर्चा में भाग लेने से बचता है।”
जीएसटी सुधारों से जुड़े मुख्य प्रावधान
वित्त मंत्री ने बताया कि यह संशोधन ट्रैक-एंड-ट्रेस सिस्टम को मजबूत करेगा, जिससे कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही, सप्लाई के समय वाउचर जारी करने के नियम भी सरल होंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल यूएचटी दूध, जिसे उच्च तापमान पर प्रोसेस कर पैक किया जाता है, पर पहले टैक्स लगता था, जिसे अब जीरो टैक्स कर दिया गया है।
जीएसटी काउंसिल के फैसलों को लागू करने के लिए संशोधन आवश्यक
56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में—
- 5, 12, 18 और 28% टैक्स स्लैब को समायोजित कर
- 2%, 5% और 18% की नई संरचना तैयार की गई
करीब 375 वस्तुओं के टैक्स दरों में संशोधन किया गया है।
अल्ट्रा-लग्ज़री सामानों पर 40% जीएसटी का प्रस्ताव है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण 7 अक्टूबर को इन सुधारों के लिए अध्यादेश जारी किया गया था। अब इसे विधेयक के रूप में प्रतिस्थापित किया जा रहा है।




