मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर दी श्रद्धांजलि
पटना, 3 दिसंबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति और देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके महान व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को याद किया।
“उनकी जयंती मेधा दिवस भी है” — मुख्यमंत्री
अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती ‘मेधा दिवस’ के रूप में मनाई जाती है। उनका विद्वतापूर्ण व्यक्तित्व, नैतिक नेतृत्व और भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने में उनकी भूमिका आज भी प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा—
“डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सादगी, सेवा और समर्पण का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया। राष्ट्र के प्रति उनका योगदान अमूल्य है।”
स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे डॉ. प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सारण (अब सिवान) जिले के जीरादेई गाँव में हुआ था। वह स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में रहे। महात्मा गांधी के साथ अनेक आंदोलनों में उन्होंने सक्रिय भागीदारी निभाई।
संविधान सभा के अध्यक्ष और देश के प्रथम राष्ट्रपति
डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष थे। भारत का संविधान बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
1950 में भारत गणराज्य बनने के बाद वे देश के प्रथम राष्ट्रपति बने और 1962 तक लगातार इस पद पर रहे। वे आज तक सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले भारतीय नेता हैं।
सादगी और सेवा की मिसाल
राष्ट्रपति होते हुए भी डॉ. प्रसाद सादगी और सरल जीवन के प्रतीक माने जाते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश और समाज की सेवा में समर्पित किया।




