एसआईआर में नाम कटने पर वोटरों को देश से बाहर किया जा सकता है: रामगोपाल यादव
इटावा, 3 दिसंबर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बुधवार को इटावा में आयोजित विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) संबंधी बैठक में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। जिला पंचायत सभागार में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर के पीछे सत्ता पक्ष की नीयत ठीक नहीं दिखती।
“1952 से रिवीजन होता आया, पर एसआईआर पहली बार—क्यों?”
रामगोपाल यादव ने कहा कि आजादी के बाद से हर चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का सामान्य रिवीजन होता रहा है, लेकिन एसआईआर पहली बार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे घुसपैठ का मुद्दा बनाकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में एसआईआर होने पर भी एक भी घुसपैठिया नहीं मिला।
“नाम न जुड़ने पर हिंदू को नेपाल का, मुसलमान को पाकिस्तान का बताया जा सकता है”
सपा नेता ने कहा कि एसआईआर के नाम पर बड़ी आबादी को शक की नजर से देखा जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया—
“यदि किसी नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ा, तो उसे हिन्दू होने पर नेपाल का और मुसलमान होने पर पाकिस्तान का बताकर देश से बाहर करने का खतरा है।”
बीएलओ आत्महत्या मामले पर भी बोले
उन्होंने कहा कि कम समय में भारी काम का दबाव होने के कारण बीएलओ तनाव में हैं, जिससे हादसे और आत्महत्याएं हो रही हैं। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह किसी भी तरह सत्ता में बने रहना चाहती है।
चुनाव आयोग और केंद्र पर तीखा हमला
रामगोपाल ने कहा कि आयोग “दिल्ली की सरकार के इशारे पर काम कर रहा है।”
उन्होंने एनआरसी का उदाहरण देते हुए कहा कि असम में 19 लाख लोग सूची से बाहर किए गए, जिनमें 12 लाख हिंदू थे, इसलिए आगे की कार्यवाही नहीं हुई।




