एसआईआर जांच में ‘शून्य मृत, दोहरे या स्थानांतरित मतदाता’ वाले बूथ अब सिर्फ 29
कोलकाता, 4 दिसंबर। पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत मतदाता सूची की शुद्धता की जांच में बड़े स्तर पर बदलाव सामने आया है। ऐसे बूथों की संख्या, जहां एक भी मृत मतदाता, दोहरा नाम या स्थानांतरित मतदाता दर्ज नहीं था, अब घटकर सिर्फ 29 रह गई है। सोमवार शाम यह संख्या 2208 थी, जो मंगलवार शाम तक घटकर 480 और बुधवार शाम तक तेजी से घटकर सिर्फ 29 रह गई।
आयोग ने उठाए थे सवाल, मांगी दोबारा रिपोर्ट
सोमवार को 2208 बूथों पर ‘शून्य अपात्र मतदाता’ होने का दावा सामने आया था, जिसे असामान्य मानते हुए चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी। 24 घंटे में संशोधित रिपोर्ट भेजे जाने के बाद संख्या 480 रह गई, लेकिन आयोग ने इसे भी पर्याप्त नहीं माना और गहन जांच के नए निर्देश जारी किए।
सबसे बड़ी गिरावट दक्षिण 24 परगना में
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार—
- दक्षिण 24 परगना में सोमवार को ऐसे 760 बूथ चिन्हित थे।
- बुधवार शाम तक यह घटकर केवल 20 बूथ रह गए।
अन्य जिलों से भी तीव्र गिरावट की रिपोर्ट सामने आई है।
विपक्ष के सवाल, आंकड़ों पर बढ़ी राजनीति
भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि पिछले 38 घंटों में जिस प्रकार तेजी से बदलाव हुआ है, इससे साफ है कि गुरुवार तक यह आंकड़ा शून्य तक जा सकता है। विपक्ष का आरोप है कि यह स्थिति बताती है कि राज्यभर में मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताएँ थीं, जिन पर आयोग की सख्ती के बाद सुधार शुरू हुआ है।
क्या उठ रहे हैं नए सवाल?
लगातार बदलते आंकड़ों ने पूरे एसआईआर अभियान पर भी सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि:
- यदि हजारों बूथों पर अचानक मृत या दोहरे नाम मिल रहे हैं,
- तो पिछले वर्षों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई हो सकती है।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि अभियान और अधिक सख्ती से जारी रहेगा ताकि मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध और पारदर्शी हो सके।




