संस्कृति लुप्त होने पर राष्ट्र अपनी पहचान खो देता है: मुख्यमंत्री योगी
गोरखपुर, 4 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी संस्कृति, परंपराओं और महापुरुषों से होती है। यदि संस्कृति नष्ट हो जाए तो राष्ट्र अपनी एकता और आत्मा खो देता है। मुख्यमंत्री बुधवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह को संबोधित कर रहे थे।
महापुरुषों का शौर्य संकट के समय नई ऊर्जा देता है
योगी ने कहा कि संकट या राष्ट्रीय चुनौती के समय महापुरुषों की प्रतिमाएं और उनके पराक्रम हमें नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। उन्होंने महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह और रानी लक्ष्मीबाई सहित सीमाओं की रक्षा में बलिदान देने वाले जवानों को राष्ट्र की प्रेरणा बताया।
संस्कृति, राष्ट्रीय मूल्यों की आधारशिला
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय संस्कृति उन मूल्यों से बनी है जिन्हें विभिन्न युगों और पर्वों ने शक्ति दी है। भारत के पर्व मतभेदों को मिटाकर ‘एक भारत–श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करते हैं।
उन्होंने कहा कि संस्कृति, परंपरा और महापुरुष—तीनों एक-दूसरे से जुड़े हैं और राष्ट्र के चरित्र को आकार देते हैं।
शिक्षा परिषद के 100 वर्षों की यात्रा का आत्ममंथन जरूरी
योगी ने कहा कि अगले छह वर्षों में शिक्षा परिषद शताब्दी वर्ष में प्रवेश करेगी। ऐसे में संस्थानों को आत्मावलोकन करना चाहिए कि उन्होंने छात्र, समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी भूमिका किस रूप में निभाई है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि—हर क्षेत्र में योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, कृषि, तकनीकी शिक्षा और महिला शिक्षा में भी महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य संस्थान किसानों व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
शिक्षण संस्थानों को बनना होगा मॉडल
उन्होंने कहा कि आज जहां एक ओर शिक्षित बेरोजगारी है, वहीं दूसरी ओर निरक्षरता की बड़ी खाई है। ऐसे में शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों को मॉडल स्टडी सेंटर बनना होगा ताकि समाज को सही दिशा मिल सके।




