मुख्यधारा में लौटे युवाओं की नई शुरुआत
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा में लौटे 30 युवाओं ने राजमिस्त्री का प्रशिक्षण सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है। जिला प्रशासन की पहल और पुनर्वास कार्यक्रमों के अंतर्गत आर-सेटी द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण से युवाओं को सम्मानजनक आजीविका का अवसर मिला है। यह पहल माड़ क्षेत्र में शांति और विकास को मजबूत आधार देने का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में निभाएंगे अहम भूमिका
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ये युवा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चल रहे आवास निर्माण में भी योगदान देंगे। इससे न केवल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि जिले में आवास निर्माण की गति भी तेज होगी। प्रशासन का मानना है कि कुशल राजमिस्त्रियों की उपलब्धता से योजनाओं का क्रियान्वयन और प्रभावी होगा।
नींव से फिनिशिंग तक संपूर्ण तकनीकें सिखाई गईं
आर-सेटी द्वारा दिए गए प्रशिक्षण में युवाओं को भवन निर्माण की सभी जरूरी तकनीकें सिखाई गईं, जिनमें शामिल हैं—
- नींव और दीवार निर्माण
- प्लास्टरिंग और फिनिशिंग
- माप-जोख एवं लेवलिंग
- निर्माण सुरक्षा मानक
- आधुनिक निर्माण उपकरणों का उपयोग
प्रशिक्षण पूर्ण होने पर सभी युवाओं को प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे, जो उन्हें भविष्य में सरकारी और निजी निर्माण कार्यों में रोजगार के अवसर दिलाएंगे।
पुनर्वास का प्रेरक मॉडल
प्रशिक्षकों ने युवाओं की मेहनत और सीखने की लगन की सराहना की। उनका कहना है कि कभी हिंसा की राह पर चले ये युवा अब समाज की प्रगति में अपने कौशल का योगदान दे रहे हैं।
बस्तर का यह पुनर्वास मॉडल अन्य क्षेत्रों के लिए भी मिसाल बन रहा है—जहां हथियार छोड़कर कौशल, शिक्षा और रोजगार के माध्यम से स्थायी विकास का मार्ग खुल रहा है।




