सौर ऊर्जा से संचालित होगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश में पूरब से पश्चिम को जोड़ने वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित किया जाएगा और यह पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित होगा। छह लेन वाले इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जहां विशेष परिस्थितियों में फाइटर विमान की लैंडिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
पहले फोर लेन, फिर सिक्स लेन का विस्तार
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस परियोजना के तहत पहले फोर लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण करेगा, जिसके बाद आवश्यकता अनुसार इसे छह लेन में विस्तारित किया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे करीब 700 किलोमीटर लंबा होगा और उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
22 जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे शामली से शुरू होकर मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ, बलरामपुर, बहराईच, सिद्धार्थनगर, महराजगंज होते हुए गोरखपुर तक जाएगा। इस मार्ग से कुल 22 जिले आपस में सीधे जुड़ेंगे, जिससे यातायात सुगम होगा और क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी।
जमीन अधिग्रहण की तैयारी शुरू
एनएचएआई ने ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है। किसानों को मुआवजा देने और अधिग्रहण कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी जिलाधिकारियों से एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने को कहा गया है।
रोजगार और विकास को मिलेगा बढ़ावा
एनएचएआई के एमडी अरविंद कुमार ने बताया कि मुरादाबाद मंडल के जिलों को इस संबंध में पत्र भेजे गए हैं। अधिकारियों के नाम प्राप्त होते ही अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे न केवल यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगा, बल्कि उद्योग, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।




