जादवपुर विश्वविद्यालय को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मिले 47 करोड़ रुपये
कोलकाता। जादवपुर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA 2.0) के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 47 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि के जारी होने के साथ ही विश्वविद्यालय को लंबे समय से अटकी दूसरी किस्त को लेकर बनी अनिश्चितता समाप्त हो गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यह राशि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी से प्रदान की गई है, जिसमें केंद्र सरकार का 60 प्रतिशत और राज्य सरकार का 40 प्रतिशत योगदान शामिल है। यह धनराशि राज्य के शिक्षा विभाग के माध्यम से विश्वविद्यालय को हस्तांतरित की गई है।
100 करोड़ की योजना की अंतिम किस्त
जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति चिरंजीब भट्टाचार्य ने बताया कि यह 100 करोड़ रुपये की स्वीकृत योजना की दूसरी और अंतिम किस्त है। इससे पहले वर्ष 2019 में पहली किस्त के रूप में 53 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।
हालांकि, इस राशि के उपयोग को लेकर एक निश्चित समयसीमा भी तय की गई है। विश्वविद्यालय को यह पूरी राशि 31 मार्च 2025, यानी चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक खर्च करनी होगी। इसके लिए प्रशासन ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पहले किस्त में देरी से प्रभावित हुआ काम
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में तत्कालीन कुलपति सुरंजन दास ने दूसरी किस्त जारी न होने के कारण विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और शोध गतिविधियों के प्रभावित होने की बात कही थी। अब इस राशि के मिलने से विश्वविद्यालय को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
किन क्षेत्रों में होगा उपयोग
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावित योजनाओं में एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (Integrated Management System) का विकास भी शामिल है, जिससे शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके। फिलहाल इस तरह की प्रणाली के अभाव में कई कार्य मैनुअल तरीके से होते हैं, जिससे परिणाम प्रकाशन और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी होती है।
इसके अलावा, इस अनुदान का उपयोग प्रयोगशालाओं के उन्नयन, शिक्षकों द्वारा पहले से प्रस्तुत शोध परियोजनाओं को सहयोग, तथा छात्रवृत्ति योजनाओं की शुरुआत के लिए भी किया जा सकता है।




