मस्कट (ओमान)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा के अंतिम चरण में ओमान की राजधानी मस्कट पहुंच चुके हैं। वह यहां दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में आज भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
यह समझौता आधिकारिक रूप से व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) के नाम से जाना जाएगा। भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते शुक्रवार को इस समझौते को मंजूरी दी थी। CEPA को लेकर दोनों देशों के बीच औपचारिक वार्ता नवंबर 2023 में शुरू हुई थी, जिसे इस वर्ष अंतिम रूप दिया गया।
मस्कट पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी के मस्कट पहुंचने पर ओमान के उप प्रधानमंत्री (रक्षा मामलों) सैय्यद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। बाद में होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
सुल्तान हैथम से होगी अहम बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ओमान के शासक सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर ओमान पहुंचे हैं। यह उनकी ओमान की दूसरी आधिकारिक यात्रा है। यह दौरा भारत–ओमान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक है।
दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और रणनीतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री प्रवासी भारतीयों की एक सभा को भी संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर साझा किए विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने मस्कट पहुंचने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश साझा किए। उन्होंने लिखा—
“मस्कट एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत के लिए ओमान के उप प्रधानमंत्री सैय्यद शिहाब बिन तारिक अल सईद का धन्यवाद। भारत–ओमान दोस्ती पर हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई।”
एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा—
“मस्कट, ओमान में उतरा। यह भारत के साथ स्थायी दोस्ती और गहरे ऐतिहासिक संबंधों की भूमि है। यह यात्रा सहयोग के नए रास्ते तलाशने और हमारी साझेदारी को नई गति देने का अवसर है।”
प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन और इथियोपिया की सफल यात्राओं के बाद ओमान पहुंचे हैं। भारत–ओमान मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के आर्थिक, व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।




