🏛️ विधान परिषद में उठा पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में अहम मुद्दा उठा।
सपा सदस्यों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग जोरदार तरीके से रखी।
❓ सरकार से सीधा सवाल
समाजवादी पार्टी के सदस्य डॉ. मानसिंह ने प्रश्न किया।
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने कोई निर्णय लिया है।
🗣️ सरकार की ओर से जवाब
सरकार की ओर से ए. के. शर्मा ने उत्तर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई पेंशन योजना लागू है।
📅 2005 से लागू है नई पेंशन व्यवस्था
मंत्री ने बताया कि 01 अप्रैल 2005 से नई पेंशन प्रणाली लागू है।
यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की गई थी।
💰 राजकोषीय संतुलन का तर्क
सरकार के अनुसार नई पेंशन प्रणाली से वित्तीय संतुलन बना रहता है।
यह केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं है।
👥 व्यापक सामाजिक सुरक्षा का दावा
मंत्री ने कहा कि यह योजना संगठित और असंगठित क्षेत्र के लिए है।
सामान्य नागरिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा देने का लक्ष्य है।
⚠️ सपा का विरोध
समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जवाब पर असहमति जताई।
उन्होंने कहा कि पेंशन बुढ़ापे की सबसे बड़ी लाठी होती है।
🧓 कर्मचारियों के भविष्य की चिंता
सपा सदस्यों ने कहा कि पुरानी पेंशन अधिक सुरक्षित थी।
उन्होंने इसे कर्मचारियों के हित में बताया।
📢 बहाली की मांग दोहराई
सपा ने सदन में पुरानी पेंशन बहाली की मांग दोहराई।
मुद्दे पर आगे भी संघर्ष का संकेत दिया गया।
⚖️ राजनीतिक बहस तेज
पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा फिर राजनीतिक केंद्र में आया।
इससे आने वाले दिनों में बहस और तेज होने की संभावना है।




