⚖️ पूर्वी चंपारण से बड़ा न्यायिक फैसला
पूर्वी चंपारण में महिला के अपहरण कर कई दिनों तक दुष्कर्म कराने के गंभीर मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है।
दुष्कर्म एवं पॉक्सो विशेष न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मिथलेश कुमार ने दोषी महिला को दस वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
💰 अर्थदंड और मुआवजा
अदालत ने दोषी पर 22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
वसूली गई राशि पीड़िता को दी जाएगी।
🧾 6 लाख रुपये का मुआवजा
न्यायालय ने पीड़िता को “पीड़ित घोषित” करते हुए
जिला विधिक सेवा प्राधिकार को
पीड़िता को 6 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया।
👩 दोषी महिला की पहचान
सजा सुगौली थाना क्षेत्र के
सरगम सिनेमा हॉल रोड नंबर-3 निवासी
आश मोहम्मद मियां की पत्नी कमरुल नेशा को सुनाई गई।
साक्ष्य के अभाव में एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया गया।
🚨 क्या था पूरा मामला
पीड़िता ने 6 मई 2022 को सुगौली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पीड़िता ने बताया कि वह मोतिहारी रेलवे स्टेशन से चंपापुर जा रही थी।
रात में सुगौली स्टेशन पर एक महिला ने उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गई।
🔒 घर में बंद कर यौन शोषण
पीड़िता को घर में बंद कर
धमकी दी जाती थी कि शोर मचाने पर जान से मार देंगे।
दोषी महिला अपने पुत्र और अन्य लोगों से
पीड़िता का यौन शोषण करवाती थी और इसके बदले पैसे लेती थी।
📱 मोबाइल से खुला मामला
एक युवक का मोबाइल मिलने पर
पीड़िता ने ननद को फोन कर अपनी स्थिति बताई।
इसके बाद पुलिस ने पहुंचकर उसे मुक्त कराया।
👩⚖️ अभियोजन और फैसला
पॉक्सो वाद संख्या 45/2022 में
विशेष अपर लोक अभियोजक पुष्पा दुबे ने
पांच गवाह प्रस्तुत किए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद
अदालत ने पॉक्सो एक्ट व IPC की धाराओं में सजा सुनाई।




