🪁 चाइनीज मांझा बना जानलेवा खतरा
वाराणसी में पतंगबाजी के दौरान प्रतिबंधित चाइनीज मांझा का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों की जान भी खतरे में पड़ रही है।
इसी को लेकर बुधवार को सुबह-ए-बनारस क्लब द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया गया। यह कार्यक्रम मछोदरी स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर के महंत स्वामी प्रेम स्वरूप दास के आह्वान पर आयोजित किया गया।
🎓 छात्राओं ने दिया सुरक्षित पतंगबाजी का संदेश
मैदागिन स्थित श्री हरिश्चंद्र बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज परिसर में छात्राओं ने बैनर और पतंग लेकर लोगों से चाइनीज मांझा न इस्तेमाल करने की अपील की।
कार्यक्रम में कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. प्रियंका तिवारी, चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार राय और सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश जायसवाल मौजूद रहे।
🗣️ डॉ. प्रियंका तिवारी का संदेश
डॉ. प्रियंका तिवारी ने कहा,
“पतंग उड़ाना हमारी संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन जब यह शौक जानलेवा बन जाए तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। विदेशी चाइनीज मांझा मानवता के लिए खतरा है। हमें अपने शौक को स्वदेशी और सुरक्षित मांझे से पूरा करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के साथ समाज की भागीदारी भी जरूरी है, तभी इस समस्या पर रोक लग सकती है।
⚖️ कानून के बावजूद बिक रहा कातिल मांझा
वक्ताओं ने बताया कि न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद चाइनीज मांझा चोरी-छिपे बिक रहा है। इसके कारण अब तक कई मासूमों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
🌱 सुरक्षित और स्वदेशी विकल्प अपनाने की अपील
अभियान में शामिल शिक्षिकाओं, कर्मचारियों और छात्राओं ने समाज से अपील की कि
“स्वदेशी मांझा अपनाएं और सुरक्षित पतंगबाजी करें।”




