मध्य प्रदेश में एमपी मत्स्य विकास ने बीते दो वर्षों में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार ने भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने मत्स्य उत्पादन, रोजगार और मछुआरों की आय में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है।
प्रदेश में करीब 4.42 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र उपलब्ध है, जिसे आधुनिक तकनीकों से जोड़कर मत्स्य पालन को एक मजबूत आर्थिक आधार बनाया गया है। मंत्री पंवार के अनुसार वर्ष 2024-25 में मत्स्य उत्पादन 4.45 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि 2022-23 में यह 3.41 लाख टन था।
🚤 PMMSY से मछुआरों को सीधा लाभ
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत 122.5 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की गईं। इसके माध्यम से हजारों मछुआ परिवारों को नाव, जाल, आइस बॉक्स, मोटरसाइकिल और कोल्ड-चेन सुविधाएं मिलीं, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
💰 556 करोड़ की योजनाओं से बदली तस्वीर
वर्ष 2024-25 में 556 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का लाभ मछुआरों को मिला। मत्स्य पार्लर, कोल्ड स्टोरेज और विपणन सुविधाओं से उन्हें बेहतर बाजार और उचित मूल्य मिलने लगा है।
🔬 आधुनिक तकनीक से बढ़ा उत्पादन
केज कल्चर, बायोफ्लॉक और आरएएस जैसी आधुनिक प्रणालियों से कम जल क्षेत्र में अधिक उत्पादन संभव हुआ है। इसके साथ ही इंटीग्रेटेड एक्वापार्क, रिसर्च सेंटर और एक्वेरियम परियोजनाएं प्रदेश को मत्स्य पर्यटन और नवाचार का केंद्र बना रही हैं।
मंत्री पंवार ने कहा कि मत्स्य महासंघ के जरिए ब्रांडिंग और मूल्य संवर्धन पर भी काम हो रहा है, जिससे मछुआरों की उपज को राष्ट्रीय पहचान मिल रही है।



