बांदा में बाल संरक्षण पर पुलिस-प्रशासन की बड़ी पहल
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में मंगलवार को किशोर न्याय प्रणाली को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक दिवसीय किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम महर्षि बामदेव सभागार में हुआ, जिसकी अध्यक्षता चित्रकूटधाम परिक्षेत्र के डीआईजी राजेश एस. ने की।
कार्यशाला में जिलाधिकारी जे. रीभा और पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर न्याय अधिनियम-2015, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह निषेध कानून और बाल संरक्षण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना रहा।
बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता जरूरी
डीआईजी राजेश एस. ने कहा कि
“बालकों से जुड़े मामलों में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी अधिकारी कानून के अनुसार, संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से कार्रवाई करें।”
उन्होंने विधि से संघर्षरत बालकों और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के मामलों में समयबद्ध व विधि-सम्मत कार्यवाही पर विशेष बल दिया।
कई विभागों के अधिकारी रहे शामिल
कार्यशाला में किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, जिला प्रोबेशन अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, विशेष किशोर पुलिस इकाई, वन-स्टॉप सेंटर और मिशन शक्ति से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे।
गुमशुदा बच्चों, बाल विवाह रोकथाम और पॉक्सो मामलों में एसओपी के पालन पर भी चर्चा हुई।
उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान
कार्यशाला के समापन पर डीआईजी राजेश एस. ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।




