🏫 स्कूल परिसर बना भावनाओं और यादों का संगम
बीकानेर स्थित हीरालाल सौभागमल रामपुरिया विद्या निकेतन का पुरातन गंगाशहर परिसर दो दिनों तक स्मृतियों, अपनत्व और गुरु-शिष्य परंपरा का जीवंत केंद्र बना रहा। वर्ष 1993 बैच के पूर्व विद्यार्थियों ने यहां भव्य एल्यूमिनी मीट का आयोजन किया।
🌍 देश-विदेश से लौटे बचपन के दोस्त
इस भावनात्मक पुनर्मिलन में करीब 80 पूर्व विद्यार्थी शामिल हुए, जो बैंकॉक, नीदरलैंड, कतर, अमेरिका सहित मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, नोएडा, सिलीगुड़ी, कोलकाता, पंजाब और राजस्थान के कई शहरों से आए थे। वर्षों बाद उसी विद्यालय में लौटकर सभी ने अपने सुनहरे छात्र जीवन की यादों को फिर से जिया।
👩🏫 30 गुरुओं को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब आया जब विद्यार्थियों ने अपने उन शिक्षकों को सम्मानित किया, जिन्होंने उनके जीवन की दिशा तय की थी।
30 शिक्षक-शिक्षिकाओं को माला, पटका और स्मृति-चिह्न (केबिन लगेज ट्रॉली) देकर सम्मानित किया गया।
सम्मानित शिक्षकों में शामिल रहे:
सुरजाराम राजपुरोहित, ज्ञानमल, लक्ष्मीनारायण, बेबी रानी कालरा, विजय आचार्य, विपिन गोयल, शारदा व्यास, बालकिशन कल्ला और ममता गोस्वामी।
🎶 संगीत, नृत्य और दोस्ती की मिठास
रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और रात्रि भोज ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया। डीजे तोमर की धुनों पर शिक्षक और विद्यार्थी साथ-साथ झूमते नजर आए, मानो समय फिर से 90 के दशक में लौट आया हो।
🤝 सफल आयोजन में कई हाथ जुड़े
इस आयोजन को सफल बनाने में
भारती खत्री, अरिहंत नाहटा, मनीष कालरा, शिल्पी खन्ना, जय सिंह बैद, राजश्री, दीपाली, पवन चोपड़ा, रोहित खजांची और ज्योति तातेड की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
🌟 गुरु-शिष्य परंपरा का जीवंत उत्सव
एल्यूमिनी मीट के अंत में शिक्षकों ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए आयोजन की सराहना की। यह मिलन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि रिश्तों, संस्कारों और स्मृतियों का उत्सव बन गया।




