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यूनेस्को के अस्थाई सूची में शामिल छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क में खुलेगा होम स्टे नैचुरोपैथी सेंटर

जगदलपुर, 17 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क को यूनेस्को ने कुछ दिनों पहले विश्व धरोहर की अस्थाई सूची में शामिल किया था। उसी कांगेर वैली नेशनल पार्क एरिया में देश का पहला सेल्फहीलिंग के लिए होम स्टे नैचुरोपैथी सेंटर खुलने जा रहा है। लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस सेंटर में 10 अलग-अलग पारंपरिक मिट्टी से बने हट बनेंगे, 6 महीने में तैयार होने की संभावना है। इसके अंदर लोगों को बस्तर की जड़ी-बूटियो और प्राचीन उपचार पद्धति से इलाज दिया जायेगा। ये पहला ऐसा हीलिंग सेंटर हाेगा, जिसे होम स्टे की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बदलते बस्तर की छवि जिसमें पहले हिंसा और नक्सलवाद को लेकर थी, लेकिन पिछले कुछ समय में यहां के झील, झरनों ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। अभी प्रति वर्ष लगभग 10 लाख से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक बस्तर आ रहे हैं। इस बीच यूनेस्को ने हाल ही में कांगेर वैली नेशनल पार्क को विश्व धरोहर की अस्थाई सूची में शामिल किया है, जिससे पर्यटकों का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ है।

बस्तर के वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने आज बताया कि मांझीपाल पंचायत के सहायक ग्राम टेकावाड़ा में एक एकड़ एरिया में सेल्फ हीलिंग सेंटर का निर्माण करवाया जा रहा है। लोग यहां आकर कुदरती माहौल में रहकर प्राचीन जड़ी-बूटी से इलाज करवा सके इसके लिए व्यवस्था करवाई जा रही है। इसमें स्थानीय आयुर्वेदिक डॉक्टरों और वैद्यों को तैनात किया जायेगा, जो लोगों का इलाज करेंगे। इलाज के साथ-साथ उन्हें प्राकृतिक वादियों का भ्रमण करवाया जायेगा।

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. आरके भार्गव ने बताया कि बस्तर में आयुर्वेदिक औषधियों का प्रचूर मात्रा में भंडार है। हीलिंग सेंटर में जड़ी-बूटियों से ही इलाज दिया जायेगा। यहां पेट सबंधी बीमारियों का इलाज किया जायेगा। इसके अलावा हीलिंग सेंटर में सेल्फहीलिंग लेने वाले लोगों में कैंसर का खतरा भी कम होगा।

दुग्गा ने बताया कि मांझीपाल पंचायत के सहायक ग्राम टेकावाड़ा में एक एकड़ एरिया में सेल्फ हीलिंग सेंटर का निर्माण करवाया जा रहा है। लोग यहां आकर कुदरती माहौल में रहकर प्रचीन जड़ी-बूटी से अपना इलाज करवा सके इसके लिए व्यवस्था करवाई जा रही है।

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