सहरसा, 13 जनवरी (हि.स.)। जिले के महिषी प्रखंड अंतर्गत सूर्य मंदिर कंदाहा में रविवार को योग शिविर आयोजित किया गया,जिसमें योग प्रणायाम अनुलोम विलोम एवं सूर्य नमस्कार योग का अद्भुत समागम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर लक्ष्मीनाथ योग साधना ट्रस्ट के संस्थापक योग प्रशिक्षक प्रभाकर के मार्गदर्शन में सभी सूर्य नमस्कार के साथ हीं योग के विभिन्न विद्या की जानकारी दी।
योग गुरु ने कहा ऋषि मुनि योगिजनों की तपस्थली तपभूमि मिथिला आज योग क्षेत्र में उदासीन है।जबकि गुरू लंबानाथ से लेकर योगीराज परमहंस लक्ष्मीनाथ गोसाई नें योग की महता को भजन कीर्तन के साथ अद्भुत समन्वय स्थापित किया।योग का शाब्दिक अर्थ जुड़ना होता है। इससे स्पष्ट है हम सभी को योग से अवश्य जुड़ना होगा। समय अभाव अत्यधिक व्यस्ता यह तो केवल बहाना है मात्र 20 से 25 मिनट के समय में जीवन भर आरोग्य रहेंगे।यहां दूर-दूर से आए हुए भक्तजन सूर्य नमस्कार सत्र में हर्ष उल्लास से शामिल हुए। जिसमें छोटे-छोटे बच्चे युवा के और बुजुर्ग सभी उम्र के लोग शामिल हुए।शिविर में साधक ने संकल्प लिया योग को गुरु सेवा मानकर नगर नगर, डगर डगर पहुंचना हमारा कर्तव्य है।उन्होंने कहा कि सुखी एवं निरोगी जीवन जीने के लिए नियमित योग आवश्यक है।
शिविर में पुजारी बाबा बाबू कान्त झा, सत्यम झा, महिषी से मानिक चंद्र झा, पूर्व शिक्षक, युवराज झा, बनगांव से गोपाल झा एवं ग्रामीणों ने भी भारी संख्या में भाग लिया।ज्ञात हो कि योग गुरु प्रभाकर के द्वारा जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंडों में घूम घूम कर योग शिविर लगाकर योग के लिए लोगों को अनवरत जागरूक किया जा रहा है।साथ ही विभिन्न स्कूलों में छात्र छात्राओ को योगाभ्यास कराकर इसे अपने दिनचर्या में शामिल करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।