Thu, Mar 13, 2025
32 C
Gurgaon

जनकल्याण की कामना से उतारी माता चौसठ्ठी देवी की आरती, स्वच्छता की अलख

— रंगों के पर्व होली पर माता रानी की होती है विशेष आराधना

वाराणसी,13 मार्च (हि.स.)। रंगों के पर्व होली पर ‘नमामि गंगे’ ने जन कल्याण की कामना से चौसठ्ठी देवी की गुरूवार को आराधना की। गुलाल भरी एक मुट्ठी से रीझने वाली भगवान शिव के जटाजूट के आघात से प्रकट हुई चौंसठ योगिनियों के रूप में प्रतिष्ठित माता चौसठ्ठी की सदस्यों ने आरती भी की। होली के पावन पर्व पर जन कल्याण की कामना की ।

काशी के प्रसिद्ध धूलिवंदन उत्सव की 500 साल पुरानी परंपरा के तहत, मां चौसठ्ठी के श्रीचरणों में अबीर-गुलाल अर्पित करके राष्ट्र से भय और बाधाओं से मुक्ति का वरदान मांगा गया। इसके बाद चौसठ्ठी घाट पर नमामि गंगे ने स्वच्छता की अलख जगाते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि काशी की होली, बाबा विश्वनाथ और मां गौरा से जुड़ी हुई है। माता पार्वती के गौने रंगभरी एकादशी पर काशीवासी बाबा विश्वनाथ और मां गौरा को गुलाल अर्पित करके फगुआ की अनुमति लेते हैं। काशीवासी रंगोत्सव के बाद परम्परानुसार माता चौसठ्ठी देवी के चरणों में गुलाल अर्पित करके धूलिवंदन करते हैं। यह परंपरा 500 वर्षों से चल रही है, और इसे बिना माता चौसठ्ठी के पूजन के अधूरा माना जाता है। चौसट्ठी देवी के चरणों में गुलाल चढ़ाए बगैर काशी में रंगोत्सव की पूर्णता ही नहीं मानी जाती है। इस दौरान, प्रमुख रूप से मंदिर के महंत पं. चुन्नीलाल पंड्या सहित मंदिर में आए श्रद्धालु भी मौजूद रहे।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories