अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को मिला नया नेतृत्व: रघुराज किशोर तिवारी बने राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रीवा के एजी कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. रघुराज किशोर तिवारी का चयन किया है। यह मप्र के रीवा जिले और विंध्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि पहली बार इस क्षेत्र से किसी व्यक्ति को संगठन की राष्ट्रीय कमान मिली है। घोषणा होते ही रीवा में उनके आवास पर शुभकामनाएं देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
कपसा गांव से राष्ट्रीय नेतृत्व तक का सफर
रीवा जिले के सेमरिया क्षेत्र के कपसा गांव में जन्मे डॉ. तिवारी का सफर संघर्ष, समर्पण और संगठन के प्रति निष्ठा से भरा रहा है। उन्होंने मॉडल स्कूल रीवा में पढ़ाई करते हुए वर्ष 1987 में अभाविप से जुड़ाव किया। छात्र जीवन में वे कृषि महाविद्यालय रीवा के छात्र संघ अध्यक्ष भी बने। आगे चलकर वे महाकौशल प्रांत सचिव बने और संगठन को ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाया।
शिक्षा, शोध और अध्यापन में महत्वपूर्ण योगदान
डॉ. तिवारी ने कृषि विज्ञान में पीएचडी जबलपुर के जेएनकेवीवी से की। उन्होंने अध्यापक के रूप में कृषि अनुसंधान, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और छात्र मार्गदर्शन को नई दिशा दी।
- 125 से अधिक शोध पत्र
- कृषि विज्ञान पर 3 पुस्तकें
- 50+ शोध परियोजनाएँ
- 3 पीएचडी शोधार्थियों का मार्गदर्शन
उन्हें आईसीएआर ने 2014 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार तथा 2016 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय ने विशिष्ट वैज्ञानिक सम्मान प्रदान किया।
संगठन में मजबूत पकड़
अभाविप में वे महाकौशल प्रांत अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। ग्रामीण विद्यार्थियों को संगठन से जोड़ने की पहल में उनका योगदान विशेष माना जाता है।
नई शिक्षा नीति में अहम भूमिका
डॉ. तिवारी मध्यप्रदेश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यान्वयन समिति के सदस्य रहे और कृषि शिक्षा व शोध आधारित सुझावों को नीति का हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।




