– एडीएमएम-प्लस विशेषज्ञ कार्य समूह की बैठक में उग्रवाद से मुकाबले पर ध्यान केंद्रित किया गया
नई दिल्ली, 21 मार्च (हि.स.)। आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए व्यापक रणनीति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बैठक का उद्देश्य आसियान देशों के रक्षा बलों और उसके संवाद भागीदारों के जमीनी अनुभव को साझा करना था। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि आतंकवाद लगातार उभरती हुई चुनौती बना हुआ है, जिसके खतरे लगातार सीमाओं को पार कर रहे हैं।
आतंकवाद के मुद्दे पर आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) विशेषज्ञ कार्य समूह (सीटी पर ईडब्ल्यूजी) की 14वीं बैठक 19 से 20 मार्च तक नई दिल्ली में हुई। बैठक में आसियान सचिवालय, आसियान देशों- लाओ पीडीआर, मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम, एडीएमएम-प्लस सदस्य राज्यों में चीन, अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कोरिया गणराज्य के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया। बैठक के दौरान भारत और मलेशिया ने 2024-27 के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की। इस दौरान 2026 में मलेशिया में विशेषज्ञ कार्य समूह के लिए टेबल-टॉप अभ्यास और 2027 में भारत में फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित करने का ऐलान किया गया।
दो दिवसीय बैठक के दौरान आतंकवाद और उग्रवाद के उभरते खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत और व्यापक रणनीति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य आसियान देशों के रक्षा बलों और उसके संवाद भागीदारों के जमीनी अनुभव को साझा करना था। बैठक ने वर्तमान चक्र के लिए गतिविधियों, अभ्यासों, बैठकों और कार्यशालाओं की नींव रखी। बैठक में भाग लेने वाले देशों और आसियान सचिवालय के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रयासों पर अपने विचार रखे। सांस्कृतिक दौरे के हिस्से के रूप में प्रतिनिधियों ने आगरा का भी दौरा किया।
उद्घाटन सत्र में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने मुख्य भाषण दिया और उद्घाटन समारोह के दौरान भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद लगातार उभरती हुई चुनौती बना हुआ है, जिसके खतरे लगातार सीमाओं को पार कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने की दिशा में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला। रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंतरराष्ट्रीय सहयोग (आईसी) अमिताभ प्रसाद, भारतीय सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (आईसी), विदेश मंत्रालय और भारतीय सेना के आतंकवाद-रोधी प्रभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।