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दिल्ली के विधायकों के लिए विधानसभा क्षेत्रों में कार्यालय आवंटन की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रविवार को नवनिर्वाचित विधायकों के लिए उनके विधानसभा क्षेत्रों में कार्यालय आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय विधायकों को अपने क्षेत्र की जनता के साथ संपर्क स्थापित करने और प्रभावी जनसेवा सुनिश्चित करने में सहायक होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान प्रोटोकॉल के अनुसार पूर्व विधायकों को आवंटित कार्यालय वापस ले लिए गए थे। अब नए विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद उनके विधायी और क्षेत्रीय कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए नए कार्यालयों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे विधायकों की आवश्यकताओं और अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए कार्यालय आवंटन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करें। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नवनिर्वाचित विधायक बिना किसी बाधा के अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को सुन सकें और उनके समाधान की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकें।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रभावी तरीके से जनता की सेवा करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। विधानसभा क्षेत्र कार्यालय विधायकों और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए, हमने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं कि विधायकों को समय पर कार्यालय उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने आगे कहा कि यह पहल सुशासन को मजबूत करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। विधानसभा क्षेत्र कार्यालयों के माध्यम से विधायक अपने क्षेत्र के नागरिकों से सीधे संवाद कर सकेंगे और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठा सकेंगे। यह निर्णय दिल्ली की लोकतांत्रिक प्रणाली को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने के साथ-साथ शासन व्यवस्था को भी अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाएगी।

दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने यह सुनिश्चित किया है कि कार्यालय आवंटन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कर सकें। यह पहल जनता और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में सहायक होगी।

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