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नैनीताल में पथ प्रकाश व्यवस्था के बंद होने से नाराज पालिकाध्यक्ष और सभासदों ने निकाला टॉर्च मार्च

नैनीताल, 21 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड के नैनीताल शहर में सड़क की बत्तियों के बंद होने से उत्पन्न अंधेरे ने स्थानीय प्रशासन और जनता को परेशान कर दिया है। इस स्थिति से नाराज नगर पालिकाध्यक्ष डॉ.सरस्वती खेतवाल और सभासदों ने विद्युत विभाग के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने शहर की सभी सड़क की बत्तियों का कनेक्शन काटे जाने के विरोध में देर शाम एक टॉर्च मार्च निकाला। यह मार्च मल्लीताल से शुरू होकर मॉल रोड होते हुए तल्लीताल की गांधी प्रतिमा तक पहुँचा। प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों ने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर विद्युत विभाग के इस कदम का विरोध जताया।

विरोध का कारण-पालिकाध्यक्ष का पक्ष

नगर पालिकाध्यक्ष डॉ. खेतवाल ने बताया कि विद्युत विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के शहर की सड़क बत्तियों का कनेक्शन काट दिया, जिससे पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। नगर पालिका की अध्यक्ष डॉ. खेतवाल ने कहा उन्होंने अभी कार्यभार संभाला है। उनके कार्यकाल से पहले की नगर पालिका पर विद्युत विभाग के 4.12 करोड़ के साथ कुल 16-17 करोड़ रुपये की पुरानी देनदारियां हैं। हाल में नगर पालिका प्रशासक ने विद्युत विभाग को 10 लाख रुपये देकर पथ प्रकाश व्यवस्था को जारी रखवाया था।

बताया कि अभी नगर पालिका ने 25 लाख रुपये देने की पेशकश की है, उत्तराखंड शासन में भी बात की है। विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की है। फिर भी विद्युत विभाग मानने को तैयार नहीं है। यह भी बताया कि विद्युत विभाग पर भी नगर पालिका का कार्यालय के किराये के साथ ही पंप हाउस, बिजली के पोलों एवं दुर्गापुर पंप हाउस के किराये की बड़ी धनराशि अवशेष है। इसका हिसाब लगाकर विद्युत विभाग से उस धनराशि की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।

विद्युत विभाग का पक्ष

दूसरी ओर विद्युत विभाग का दावा है कि नगर पालिका पर 4.12 करोड़ रुपये से अधिक का बिल अवशेष लंबे समय से लंबित है। इस अवशेष धनराशि के भुगतान न होने के कारण यह कार्रवाई की गई। उनके अनुसार नगर पालिका को कई बार भुगतान के लिए कहा गया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। विभाग का यह भी कहना है कि बत्तियाँ बंद करना मजबूरी में उठाया गया कदम था।

टॉर्च मार्च की रूपरेखा

यह सांकेतिक प्रदर्शन शाम ढलते ही शुरू हुआ। मल्लीताल से शुरू होकर मॉल रोड के रास्ते तल्लीताल तक पहुँचने वाले इस जुलूस में सभासदों के साथ स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। टॉर्च की रोशनी के बीच नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने विद्युत विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए। यह प्रदर्शन न केवल प्रशासनिक असंतोष को दर्शाता है, बल्कि शहरवासियों की परेशानी को भी उजागर करता है। अंधेरे के कारण रात में आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं और पर्यटकों के लिए भी यह असुविधा का सबब बन गया है।

शहर पर प्रभाव

नैनीताल, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए जाना जाता है, इन दिनों सड़क बत्तियों के अभाव में मुश्किलों से जूझ रहा है। मॉल रोड और अन्य प्रमुख क्षेत्र, जो रात में चहल-पहल से भरे रहते थे, अब अंधेरे में डूबे नजर आते हैं। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इससे उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएँ बढ़ गई हैं। कुछ नागरिकों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया और शीघ्र समाधान की माँग की।

आगे की योजना

सरस्वती खेतवाल ने स्पष्ट किया कि यह टॉर्च मार्च केवल एक शुरुआत है। यदि उनकी माँगें पूरी नहीं हुईं तो अगला कदम धरना होगा। सभासदों ने भी इस मुद्दे को लेकर एकजुटता दिखाई और कहा कि वे जनता के हित में हर संभव प्रयास करेंगे। इस बीच, कुछ स्थानीय नेताओं ने इस मामले को उच्च स्तर पर उठाने की बात कही है। उनका मानना है कि राज्य सरकार को हस्तक्षेप कर इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

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