टीडीपी, भाजपा और जनसेना पार्टी की गठबंधन सरकार का पहला पूर्ण बजटवित्त मंत्री ने 3.22 लाख करोड़ के बजट में कृषि, शिक्षा व चिकित्सा पर दिया जाेर
अमरावती, 28 फ़रवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को राज्य के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने वित्तीय वर्ष
2025-26 का वार्षिक बजट पेश किया। इस बार 3.22 लाख करोड़ रुपये के बजट में कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, अनुसूचित
जाति और बीसी के कल्याण पर जाेर दिया है।
राज्य में टीडीपी, भाजपा और जनसेना पार्टी की गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार पूर्ण बजट पेश किया गया। सदन में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए इस बार 3.22 लाख करोड़ रुपये के बजट बनाया गया है। उन्हाेंने बताया कि इस बजट में अनुमानित राजस्व घाटा लगभग 33,185 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा लगभग 79,926 करोड़ रुपये है। इसमें राजस्व व्यय 2,51,162 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 40,635 करोड़ रुपये अनुमानित है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कृषि के लिए 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इसके अलावा अन्नदाता सुखीभवा याेजना के लिए 6,300 करोड़ रुपये, पोलावरम परियोजना के लिए 6,705 करोड़ रुपये आवंटन का प्रावधान किया गया है, यह परियाेजना आंध्र प्रदेश की जीवनरेखा है।
बजट पेश करने के बाद पय्यावुला ने कहा कि राज्य की कर्ज क्षमता शून्य पर पहुंच गई है। आंध्र प्रदेश एकमात्र राज्य है, जिसके पास कर्ज लेने की क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट मुख्यमंत्री चंद्रबाबू की भावना से तैयार किया गया है। वर्ष 2014-19 के बीच राज्य ने डबल डिजिट ग्रोथ हासिल की है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों का सामना करने में चंद्रबाबू उनके समकक्ष हैं।
उन्हाेंने कहा कि अमरावती को आंध्र प्रदेश की सार्वजनिक राजधानी बनाया गया है, जिसने राज्य विभाजन के चलते अपनी राजधानी खो दी थी। उन्होंने कहा कि अमरावती में लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप बड़े पैमाने पर काम किये जायेंगे। अमरावती हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना महाराष्ट्र के लिए मुंबई और तेलंगाना के लिए हैदराबाद।पय्शावुला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से अमरावती को मुंबई और हैदराबाद शहरों की बराबरी में विकसित किया जाएगा।
बजट में आवंटन इस प्रकार हैं
कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए 1,228 करोड़ रुपये।
स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 31,805 करोड़।
उच्च शिक्षा के लिए 2,506 करोड़।
अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए 20,281 करोड़।
एसटी के कल्याण के लिए 8,159 करोड़ रुपये।
बीसी के कल्याण के लिए 47,456 करोड़ रुपये।
अल्पसंख्यक समुदायों के लिए 5,434 करोड़।
महिलाओं और बच्चों, विकलांगों और बुजुर्गों के कल्याण के लिए 4,332 करोड़।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 19,264 करोड़।
पंचायत राज विभाग को 18,847 करोड़।
नगरपालिका और शहरी विकास विभाग को 13,862 करोड़।
आवास विभाग के लिए 6,318 करोड़ रुपये।
जल संसाधन विभाग को 18,019 करोड़ रुपये।
उद्योग और वाणिज्य विभाग को 3,156 करोड़।
ऊर्जा विभाग के लिए 13,600 करोड़ रुपये।
आर एंड बी के लिए 8,785 करोड़।
युवा, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के लिए 469 करोड़।
गृह मंत्रालय को 8,570 करोड़ रुपये।
तेलुगु भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए 10 करोड़ रुपये।
शराब और नशा मुक्त राज्य के लिए नवोदय 2.0 कार्यक्रम के लिए 10 करोड़ रुपये।
जल जीवन मिशन के लिए 2,800 करोड़ रुपये।
कृषि संबद्ध क्षेत्रों के लिए 13,487 करोड़ रुपये।
नागरिक आपूर्ति विभाग को 3,806 करोड़।
माँ को प्रणाम याेजना के लिए 9,407 करोड़ रुपये (इसे शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से लागू किया जाएगा)
एनटीआर भरोसा पेंशन के लिए 27,518 करोड़।
आरटीजीएस के लिए 101 करोड़।
दीपम 2.0 योजना के लिए 2,601 करोड़।
मत्स्य पालन आश्वासन के लिए 450 करोड़।
स्वच्छचंद्र के लिए 820 करोड़।
डोक्का सीतम्मा मध्याह्न भोजन योजना के लिए 3,486 करोड़।
आधारण योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये।