अररिया में वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत
अररिया व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत अररिया का आयोजन किया गया। यह साल की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत थी, जिसमें सैकड़ों लंबित मामलों का आपसी सहमति से निष्पादन किया गया।
दीप प्रज्ज्वलन से हुआ शुभारंभ
लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुंजन पांडे ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अविनाश कुमार, एडीजे प्रथम मनोज कुमार तिवारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रोहित श्रीवास्तव और डीडीसी रोजी कुमारी मौजूद रहे।
19 बेंचों में हुआ मामलों का निपटारा
इस राष्ट्रीय लोक अदालत अररिया में कुल 19 बेंचों का गठन किया गया था। इन बेंचों में न्यायिक पदाधिकारी और अनुभवी अधिवक्ताओं ने मामलों की सुनवाई की। इसके तहत सुलहनीय आपराधिक मामले, पारिवारिक विवाद, बैंक रिकवरी, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना दावा, ट्रैफिक चालान और बिजली बिल से जुड़े मामलों का समाधान किया गया।
आपसी समझौते से मिला न्याय
लोक अदालत में पहुंचे पक्षकारों ने सीधे बेंच के समक्ष आपसी समझौते के आधार पर अपने विवाद सुलझाए। इससे न केवल समय की बचत हुई, बल्कि बिना खर्च और लंबी प्रक्रिया के न्याय भी मिला।
आमजन के लिए लाभकारी व्यवस्था
लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों का बोझ कम करना है। सफल समझौते पर कोर्ट फीस वापस की जाती है। इसके साथ ही बिजली और नगर निकाय मामलों में विशेष छूट भी मिलती है।
संतोष के साथ लौटे पक्षकार
डीएलएसए सचिव रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत में आए लोग त्वरित समाधान पाकर संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि अररिया में पहले भी राष्ट्रीय लोक अदालत अररिया के माध्यम से बड़ी संख्या में मामलों का सफल निपटारा किया जा चुका है।




