असम साहित्य सभा के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री का भावुक संदेश
गुवाहाटी, 27 दिसंबर।
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने असम साहित्य सभा के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और असमिया भाषा के प्रति अपने गहरे सम्मान को व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असमिया उनकी “चिर स्नेही भाषा जननी” है और यह भाषा असम की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने असम साहित्य सभा के अतीत के महान पथप्रदर्शकों तथा वर्तमान में संस्था से जुड़े सभी सदस्यों को सादर प्रणाम किया।
डॉ. सरमा ने अपने संदेश में कहा कि असम साहित्य सभा ने वर्षों से असमिया भाषा के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह संस्था केवल एक साहित्यिक संगठन नहीं, बल्कि असम की सांस्कृतिक पहचान की प्रहरी रही है।
उन्होंने कहा कि असमिया भाषा और साहित्य ने असम की सामाजिक एकता और बौद्धिक परंपरा को मजबूती प्रदान की है। असम साहित्य सभा के प्रयासों से नई पीढ़ी को अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा मिलती रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने असम साहित्य सभा के वर्तमान सदस्यों, साहित्यकारों और समस्त असमवासियों को शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि यह प्रतिष्ठित संस्था आने वाले समय में भी असमिया भाषा को और अधिक सशक्त और समृद्ध बनाने का कार्य निरंतर करती रहेगी।




