असम विश्वविद्यालयों में “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस” योजना लागू
गुवाहाटी, 16 सितम्बर – असम के राज्यपाल तथा राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने विश्वविद्यालयों में “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस” (POP) योजना के क्रियान्वयन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति की पहली बैठक आज राजभवन में आयोजित हुई।
योजना का उद्देश्य
यह पहल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत शुरू की गई है। इसका मकसद विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी पेशेवरों को अकादमिक संस्थानों से जोड़ना है, ताकि सैद्धांतिक शिक्षा और व्यवहारिक ज्ञान के बीच की खाई को पाटा जा सके।
विशेषज्ञ समिति और सदस्य
समिति की अध्यक्षता आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी के निदेशक प्रो. अमित पात्रा कर रहे हैं। अन्य प्रमुख सदस्यों में शामिल हैं:
- आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह
- गौहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ननी गोपाल महंत
- राज्यपाल के आयुक्त एवं सचिव एसएस मीनाक्षी सुंदरम (IAS)
- उच्च शिक्षा सचिव नारायण कोंवर (IAS)
समिति को यूजीसी की गाइडलाइन का गहन अध्ययन कर असम की शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुरूप ठोस सुझाव देने का दायित्व सौंपा गया है।
उम्मीद की जा रही लाभ
इस पहल से उच्च शिक्षा को आधुनिक और उद्योग-अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता बढ़ाने, अकादमिक और व्यावहारिक कौशल को जोड़ने, और शिक्षण संस्थानों को उद्योग के अनुकूल बनाने का अहम कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
असम में POP योजना का क्रियान्वयन राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और विद्यार्थियों को रोजगार पर केंद्रित कौशल प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।