रायपुर, 21 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य बजट को बीती देर रात मंजूरी दे दी। यानी प्रदेश सरकार को 1.65 लाख करोड़ से अधिक का बजट खर्च करने की विधानसभा से अनुमति मिल गई है। हालांकि इससे पहले उस पर राज्यपाल की मुहर लगनी होगी और फिर वह इस धनराशि को एक अप्रैल से खर्च कर सकेगी।
सदन से अनुमति के बाद राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के पेश विनियोग विधेयक को देर रात ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए राज्य के विकास, महिलाओं के सशक्तीकरण, किसानों के कल्याण और रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। चर्चा के बाद सदन में विनियोग विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि राज्य का कर्ज-जीएसडीपी का अनुमान अनुपात मात्र 19 प्रतिशत है जो वित्त आयोग के निर्धारित मांगों से बेहतर है।
चर्चा का जवाब देते हुए चौधरी ने पिछली सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए वर्तमान सरकार की उपलब्धियां को गिनाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए सरकार ने यह संकल्प लिया है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने पिछली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2021 में जब बीजापुर में 30 जवान शहीद हुए थे, तब मुख्यमंत्री गुवाहाटी में रैली कर रहे थे। उन्होंने इसे नैतिकता के खिलाफ बताया और कहा कि भाजपा सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब को एक करोड़ 42 लाख की सहायता दी जाती है।जिसमें कोई कटौती नहीं की गई है। पिछली सरकार ने गरीबों के घरों को लेकर राजनीति की और उन्हें आवास से वंचित रखा। भाजपा सरकार ने 18 लाख से अधिक आवास बनाने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तब मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन चलाया गया था और विधानसभा का घेराव किया गया था। अब सरकार में आने के बाद इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 70 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग 5 साल तक महिलाओं को ₹5 भी नहीं दे सके, वह सरकार पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं रखते। सरकार नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान दे रही है।
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि 2018-19 में छत्तीसगढ़ को 24 लाख टन चावल का कोटा मिला था जो 2021-22 में बढ़कर 61 लाख टन हो गया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की मदद से संभव हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की समस्या को हल करने के लिए मुख्यमंत्री टावर योजना लाई जा रही है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि के मामले में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण शुल्क से प्राप्त राजस्व में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसे अलावा परिवहन और आबकारी राजस्व में भी ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम कर रही है और छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में ‘‘होम स्टे नीति” लागू की गई है और पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।उन्होंने कहा कि जर्मनी ने भारत से एक लाख युवाओं की मांग की है और भारतीय पेशेवरों की दुनिया भर मांग बढ़ रही है।
वित्तमंत्री ने कहा कि भारत की औसत आयु 28 वर्ष और छत्तीसगढ़ की 24 वर्ष है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमारा राज्य एक युवा राज्य है और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार की कई नीतियों पर निशाना साधा और अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें महिलाओं और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रस्ताव है। राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।