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अयोध्या में 5 जून को ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी बनेंगे मुख्यमंत्री योगी, जन्मदिन पर लेंगे भगवान राम का आशीर्वाद

अयोध्या, 4 जून (हि.स.)।
5 जून को अयोध्या नगरी एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनने जा रही है। इस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अपने 53वें जन्मदिवस के अवसर पर, राजा राम समेत परकोटे में विराजमान देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होंगे। यह आयोजन श्रीराम जन्मभूमि परिसर में बड़े विधि-विधान के साथ सम्पन्न होगा।

यह दिन अयोध्या और रामभक्तों के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष होगा। मुख्यमंत्री योगी स्वयं इस आयोजन में भाग लेंगे और भगवान राम से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।


🛕 प्राण प्रतिष्ठा और त्रयोदशी उत्सव एक साथ

इस दिन अयोध्या में सरयू नदी की त्रयोदशी जयंती भी धूमधाम से मनाई जाएगी। मुख्यमंत्री राम की पैड़ी पर विशेष आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा का समारोह प्रातः 11 बजे से वैदिक मंत्रोच्चार और विशेष पूजा-अर्चना के साथ प्रारंभ होगा।


💬 संतों और महंतों ने बताया ऐतिहासिक क्षण

महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा –

“यह हर्ष का विषय है कि एक संन्यासी मुख्यमंत्री के रूप में देवों की प्रतिष्ठा कर रहे हैं। योगी जी ने अयोध्या की संस्कृति, आध्यात्म और आर्थिक विकास को नई ऊर्जा दी है।”

शशिकांत महाराज, अध्यक्ष अंजनी सेवा संस्थान, ने कहा –

“योगी जी ने प्रभु राम को टाट से निकालकर भव्य मंदिर में विराजमान किया। अब वे राजतिलक की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।”


📈 ₹32,000 करोड़ की परियोजनाओं ने बदली अयोध्या की तस्वीर

पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने अयोध्या को वैश्विक धार्मिक नगरी के रूप में विकसित किया है।

  • राम मंदिर निर्माण,
  • रामकथा पार्क,
  • सरयू तट का सौंदर्यीकरण,
  • रेल, सड़क और हवाई सेवा विस्तार,
  • होटल व पर्यटन सुविधाएं
    इन सबने मिलकर अयोध्या की प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया है।

🌟 गोरखनाथ मठ और राम मंदिर आंदोलन का गहरा संबंध

गोरखनाथ मठ की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि एक रामभक्त संन्यासी, आंदोलन के सक्रिय सहयोगी और धार्मिक चेतना के संवाहक भी हैं।

उनके नेतृत्व में अयोध्या सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरी है।


🕯️ 5 जून: एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक युग का प्रारंभ

यह दिन केवल मुख्यमंत्री योगी के जन्मदिवस का नहीं, बल्कि रामराज्य की पुनर्प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया है। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने अयोध्या पहुँच रहे हैं।

प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं।
अयोध्या अब केवल एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का जीवंत स्वरूप बन चुकी है।

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