-विदाई के समय फफक कर रो पड़ीं स्वागत से अभिभूत फिजी की दो बहनें
अयोध्या, 28 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के मिल्कीपुर तहसील के ग्राम घुरेहटा निवासी भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंगठन अयोध्या के राष्ट्रीय महासचिव एवं अयोध्या जिलाध्यक्ष बलराम तिवारी की बेटी स्वाती तिवारी के वैवाहिक कार्यक्रम में फिजी से तकरीबन 12 हजार 800 किलोमीटर की दूरी तय कर भारत आए विदेशी मेहमानों ने भारत की संस्कृति एवं सनातनी परंपरा की जमकर तारीफ की।
दरअसल वरिष्ठ पत्रकार श्री तिवारी की बेटी की शादी 20 फरवरी को थी। जिसमें शामिल होने के लिए विदेशी मेहमान आए हैं। तकरीबन दस दिनों तक विदेशी मेहमानों ने वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होकर भारतीय लोगों एवं भारतीय परम्पराओं को नजदीक से देखने समझने की पूरी कोशिश की। जगह जगह फोटोग्राफ व वीडियो बनाकर खुद को भारतीय परम्परा से जोड़ने का प्रयास किया। यही नहीं शादी के एक दिन पहले दोनों विदेशी महिलाओं ने गांव के राकेश कुमार के साथ स्थानीय हैरिंग्टनगंज बाजार जाकर भारतीय महिलाओं का परिधान साड़ी खरीदी और शादी के दिन भारतीय परिधान में लोगों का अभिवादन करती दिखाई पड़ीं।
फिजी देश से अपनी बड़ी बहन के साथ आयी सीमा एस चंद वरिष्ठ पत्रकार एवं महासंगठन के राष्ट्रीय महासचिव बलराम तिवारी को पिता व उनकी पत्नी ललिता तिवारी को मां के समान सम्मान देती हैं। दोनों विदेशी मेहमानों ने बताया कि मेरा इस भारतीय परिवार से किसी जन्म का रिश्ता जरूर रहा होगा, वरना जो आत्मीयता यहां आकर महसूस होती है, ऐसा अपनत्व दर्जनों देशों की यात्रा में कहीं नहीं महसूस हुआ। यही कारण है कि हम लोग इस भारतीय परिवार में अपने परिजनों की छवि देखते हैं। सीमा एस चंद तिवारी परिवार के लोगों के लिए फिजी से टी-शर्ट व अन्य वस्त्र खरीद कर लायी हैं। दोनों विदेशी महिलाएं सभी का राम-राम, जय सियाराम कह कर अभिवादन कर रही थीं और महाबली हनुमान जी को अपना इष्ट देव बताती हैं। शादी सम्पन्न होने के बाद उन्होंने शाहगंज बाजार के निकट रमपुरवा में तिवारी परिवार के साथ शिव मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब विदेशी मेहमान भारत के अन्य धार्मिक स्थलों के लिए रवानगी के समय पत्रकार श्री तिवारी ने फिजी की दोनों बहनों को राम दरबार देकर विदा किया।
हालांकि विदाई के समय माहौल काफी गमगीन हो गया था।घर-परिवार व नाते-रिश्तेदारों के साथ गांव के लोगों ने रुंधे गले से विदेशी मेहमानों को विदा किया, तो विदेशी मेहमान भी गांव के लोगों के गले लग कर खूब रोए और एक-एक को सीने से लगा कर सभी की खुशहाली के लिए ईश्वर से दुआएं मांगी। सभी से जाते वक्त जय जय सियाराम कह कर विदाई ली। गांव के लोगों ने जब उन्हें दुबारा गांव आने का न्योता दिया तो दोनों विदेशी महिलाएं फफक कर रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि मुझे अंदाजा नहीं था कि भारत में हमें हमारे परिवार जैसा प्यार दुलार मिलेगा, लेकिन पिछले साल अयोध्या में भगवान श्रीराम जी के दर्शन के बाद हुई इस परिवार से मुलाकात के बाद अब ऐसा लगता है कि मेरा दूसरा घर इंडिया में भी है।