जयपुर, 10 मार्च (हि.स.)। फाल्गुनी एकादशी के अवसर पर साेमवार काे खाटू श्याम जी का मुख्य मेला है। इस खास दिन बाबा श्याम डेढ़ करोड़ के नए चांदी के रथ में नगर भ्रमण करेंगे। सीकर के खाटू में चल रहे लक्खी मेले का यह 11वां दिन है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं।
रविवार रात से ही खाटू श्यामजी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ है। लाखों की तादाद में भक्तों के दर्शन के लिए यहां पहुंचने की संभावना है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं।
बाबा श्याम के नगर भ्रमण के लिए 125 किलो चांदी से बना विशेष रथ तैयार किया गया है। बीकानेर के नोखा में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बने इस रथ को जीप पर तैयार किया गया है।
रथयात्रा प्राचीन श्याम कुंड से शुरू होकर अस्पताल चौराहा और पुराना बस स्टैंड होते हुए मुख्य बाजार के कबूतर चौक पर समाप्त होगी।
फाल्गुनी एकादशी पर खाटू श्याम बाबा का नगर भ्रमण करेगा खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी 14 लाइनें है। इनके जरिए भक्त बाबा की चौखट तक पहुंच रहे हैं। रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया गया है। श्रद्धालुओं को खाटू धाम पहुंचने के बाद भी आठ किलोमीटर का सफर करना होगा।
रींगस रोड से आने वाले भक्तों को नगरपालिका (खाटू) के पास मुख्य प्रवेश द्वार से होकर आना होगा। यहां से वे चारण मैदान पहुंचेंगे। चारण मैदान में टीन शेड से कवर अस्थायी जिगजैग बनाए गए हैं।
मेला प्रभारी व एसडीएम मोनिका सामोर ने बताया कि पिछली बार चारण खेत में दर्शन के लिए सात ब्लॉक बनाए थे। इस बार भीड़ को देखते हुए नाै ब्लॉक बनाए हैं। सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को छोड़कर सभी के लिए वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी।
दिव्यांग-बुजुर्गों के लिए दर्शन की अलग व्यवस्था रहेगी। मंदिर से करीब 250 मीटर की दूरी पर लाला मांगेराम धर्मशाला के पास ही व्हील चेयर्स की सुविधा रहेगी। अलग लाइन में व्हील चेयर पर दिव्यांगों को इसी लाइन से मंदिर तक ले जाया जाएगा।
हर साल रींगस डायवर्जन के पास जहां से भक्त दर्शनों के लिए लाइन में लगना शुरू होते हैं, वहां पर मेटल डिटेक्टर और अन्य उपकरणों से जांच होती है।
इस बार सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मंदिर में जहां बाबा की मूर्ति लगी हुई है उससे 50 मीटर पहले मंदिर कमेटी की दीवार के पास सभी लाइनों में नए मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इस बार मेले में जो भी भक्त आएंगे उन्हें मेटर डिटेक्टर से गुजरना होगा।
रींगस से खाटूश्यामजी रास्ता और खाटू नगरी को पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है। अलोदा तिराहा, मंढा रोड और रींगस रोड पर भी कैमरे लगाए गए हैं। इस बार पूरा मेला ड्रोन कैमरों से भी कवर किया जा रहा है।
सुरक्षा को अधिक मजबूत करने के लिए चार दिशाओं में बड़े विद्युतीकृत गेट स्थापित किए गए हैं। गेट चार देवताओं की आकृतियों से सुसज्जित हैं। मेले में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। दस सेक्टर में करीब 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। आरएसी के 4500 जवान भी तैनात होंगे।
रींगस डायवर्जन, चारण मेला मैदान प्रवेश द्वार, लामिया रोड और दांता रोड पर विशेष सुरक्षा द्वार लगाए हैं। भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंदिर परिसर और आस-पास के इलाकों में भी पुलिस बल तैनात है। मेले की सुरक्षा का जिम्मा पांच हजार से ज्यादा पुलिस के जवानों के पास है।
लखदातार मैदान में 16 वॉच टावर लगाए गए हैं। जहां से पुलिसकर्मी भीड़ की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। मंदिर में मेटल डिटेक्टर मशीन से गुजरने और चैकिंग के बाद ही श्रद्धालुओं को एंट्री मिलेगी। लखदातार ग्राउंड में 32 सीसीटीवी कैमरे और एक बड़ा कैमरा लगा है। खास परिस्थितियों में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए 16 आपातकालीन गेट तैयार किए हैं। लखदातार मैदान में आठ सर्विस लाइन बनाकर 67 रेलिंग लगाई गई हैं।