बलोचिस्तान में बड़ा कदम, तीन मुखबिरों को मौत की सजा
क्वेटा, 29 सितंबर। बलोच राष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान सेना के लिए मुखबिरी करने के आरोप में तीन बलोच नागरिकों — गुलाम हुसैन, दौलत खान और इशाक निचारी — को राजद्रोह का दोषी ठहराकर मौत की सजा सुनाई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने पुख्ता जानकारी के बाद इन लोगों को उनके घरों से उठाया था। बाद में पूछताछ में तीनों ने स्वीकार किया कि वे लंबे समय से पाकिस्तानी सेना को सूचनाएं दे रहे थे।
बीएलए प्रवक्ता जैंद बलोच ने मीडिया को जारी बयान में फैसले की पुष्टि की। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सजा को अमल में लाया गया या नहीं। जैंद के अनुसार, बीएलए के कमांडरों ने हाल ही में कलात, नुश्की, जहरी और खारन समेत आठ स्थानों पर पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया। इस दौरान संगठन ने केंद्रीय राजमार्ग पर भी कब्जा किया और सेना के वाहनों को फूंक दिया।
जैंद ने बताया कि नुश्की और कलात में खनिजों से लदे वाहनों पर हमले किए गए। वहीं, 26 सितंबर को ज़वाह इलाके में पाकिस्तानी सेना पर घात लगाकर हमला किया गया।
पूछताछ के दौरान गुलाम हुसैन ने स्वीकार किया कि वह अलग-अलग नामों से सेना के लिए मुखबिरी करता था। दौलत खान ने माना कि उसने सेना को युवाओं को गायब करने में मदद की। वहीं, इशाक निचारी ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तानी सेना के साथ छापों में शामिल रहता था।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना बलोचिस्तान में विद्रोह और अस्थिरता को और गहरा सकती है।