बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत बलरामपुर में प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न
बलरामपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देशन और जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुक्रवार को जनपद पंचायत सभाकक्ष में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में विवाह कार्य से जुड़े दुकानदारों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, पंचायत सचिवों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य विभागीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बाल विवाह रोकथाम पर दी गई विस्तृत जानकारी
प्रशिक्षण के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि विवाह से संबंधित दुकानदारों—जैसे प्रिंटिंग प्रेस, डीजे, ज्वेलरी शॉप, मिठाई दुकान और पुजारी—को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वर-वधू की आयु वैधानिक सीमा के अनुरूप हो।
ग्राम पंचायत स्तर तक बनाए गए अधिकारी
राज्य शासन ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की नियुक्ति की है। पंचायत सचिव, सेक्टर पर्यवेक्षक और बाल विकास परियोजना अधिकारी को इस कार्य का दायित्व सौंपा गया है।
समाज की जिम्मेदारी भी आवश्यक
अधिकारियों ने बताया कि बाल विवाह न केवल सामाजिक बुराई है बल्कि एक कानूनी अपराध भी है। इसके दोषियों पर कार्रवाई की जा सकती है। बाल विवाह से कुपोषण, शिशु मृत्यु दर और घरेलू हिंसा जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
जिला प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला समूहों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस सामाजिक कुरीति के उन्मूलन में सहयोग करें और बलरामपुर को पूर्णतः बाल विवाह मुक्त जिला बनाने में योगदान दें।


 
                                    