कस्टडी डेथ से बलरामपुर में हड़कंप
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में चोरी के आरोप में पकड़े गए 19 वर्षीय युवक उमेश सिंह की पुलिस हिरासत में मौत से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए एक करोड़ रुपये मुआवजे और दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की है।
चार पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
मामले के बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रशासन ने चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। आईजी दीपक कुमार झा ने परिजनों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि लिखित मांग मिलने पर न्यायालय से अनुमति लेकर दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।
शव लेने से इंकार और विरोध प्रदर्शन
रविवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया, लेकिन उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। शव को बलरामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मॉर्च्युरी में रखा गया है। परिजनों ने थाने के बाहर सड़क जाम कर न्याय की मांग की।
मामला क्या है?
30 अक्टूबर की रात बलरामपुर के धनंजय ज्वेलर्स में 50 लाख रुपये के जेवर और नकद चोरी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों को पकड़ा, जिनमें से नकना गांव का उमेश सिंह भी शामिल था। रविवार को उसकी हिरासत में मौत हो गई।
पुलिस बनाम परिजन – दो विरोधी दावे
पुलिस का कहना है कि उमेश सिकल सेल बीमारी से पीड़ित था और बीमारी से उसकी मौत हुई। वहीं, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों ने भी पुलिस पर बरामद सामान छिपाने और जांच में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।
निष्पक्ष जांच की मांग
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और स्थानीय नेताओं ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। परिजनों का कहना है कि जब तक दोषियों पर हत्या का केस दर्ज नहीं होता, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।




