कोलकाता में बांग्लादेशी उच्चायोग के सामने हिंदू संतों का प्रतिनिधिमंडल
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ शुक्रवार को कोलकाता में बड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में हिंदू संतों का एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमीशन को ज्ञापन सौंपेगा।
शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार शाम को प्रतिनिधिमंडल को डिप्टी हाई कमीशन से मिलने का समय मिल गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा का कोई राज्य स्तरीय नेता शामिल नहीं होगा। उनके साथ केवल पांच संत रहेंगे —
सर्वानंद अवधूत, महाकाल गिरी, संजय शास्त्री, संजय हेला और कृष्णा माताजी।
पहले रोका गया था, अब तय हुई मुलाकात
इससे पहले इसी सप्ताह शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में प्रदर्शन के दौरान प्रतिनिधिमंडल को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। तब उन्होंने दोबारा आने की चेतावनी दी थी। अब उच्चायोग ने उन्हें आधिकारिक रूप से मिलने का समय दिया है।
दीपू चंद्र दास हत्या पर सवाल
प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश सरकार से यह सवाल करेगा कि मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद क्या कार्रवाई की गई। शुभेंदु अधिकारी के अनुसार, वे जानना चाहते हैं कि:
- हत्यारों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए?
- पीड़ित परिवार को क्या न्याय मिला?
- अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था की गई?
पूरे भारत में आक्रोश
25 वर्षीय दीपू चंद्र दास बांग्लादेश की एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे। आरोप है कि ईशनिंदा के झूठे आरोप के बाद उग्र भीड़ ने उन्हें फैक्ट्री से बाहर खींचा, बेरहमी से पीटा और फिर पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया।
इस घटना के बाद दिल्ली, कोलकाता, भोपाल और हैदराबाद समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। हिंदू संगठनों ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है।
शुभेंदु का संदेश
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यदि बांग्लादेश सरकार हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहती है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे उठाया जाएगा। उन्होंने इसे “मानवता के खिलाफ अपराध” बताया।




