📍 रायपुर, 14 जून (हि.स.) — छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बड़ी कार्रवाई के तहत 16 वर्षों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान मोहम्मद दिलावर और परवीन बेगम के रूप में हुई है, जो बच्चों सहित रायपुर में निवास कर रहे थे।
🕵️♂️ फर्जी दस्तावेजों से बनवाया भारतीय पासपोर्ट
- आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया था।
- एंटी क्राइम और साइबर यूनिट तथा टिकरापारा थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की।
- गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, पासपोर्ट आदि बरामद किए गए हैं।
🧾 वर्षों से कर रहे थे ठेले पर कारोबार
- दिलावर ठेला लगाकर जीवन यापन कर रहा था और आम लोगों की तरह समाज में घुलमिल गया था।
- इतने वर्षों तक इनकी असली पहचान छुपी रही, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर सवाल उठे हैं।
🕵️♀️ पूछताछ में जुटी पुलिस, नेटवर्क का हो सकता है खुलासा
- आरोपियों के खिलाफ फर्जीवाड़े व अवैध प्रवास के मामले में थाना टिकरापारा में मामला दर्ज किया गया है।
- पुलिस यह पता लगा रही है कि:
- इन्होंने फर्जी दस्तावेज कैसे बनवाए?
- इनके अन्य साथी या संपर्क किन-किन जगहों पर हैं?
- क्या इनके पीछे कोई संगठित नेटवर्क काम कर रहा है?
🚨 राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला
यह घटना न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि दस्तावेजी प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं, जिनका दुरुपयोग विदेशी नागरिक कर रहे हैं। रायपुर जैसे बड़े शहरों में इस प्रकार की घुसपैठ प्रशासन के लिए चिंता का विषय है।
निष्कर्ष:
बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा फर्जी भारतीय पहचान बनाकर वर्षों तक भारत में रहना, प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है। अब देखना होगा कि पुलिस की आगे की पूछताछ से इस नेटवर्क के और कितने चेहरे उजागर होते हैं।