किसानों को मिली आर्थिक राहत, एफपीओ से धान खरीद-बिक्री में बढ़ी पारदर्शिता
बांकुड़ा, 4 दिसंबर। पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के पापरडांगा क्षेत्र में किसानों के लिए शुरू की गई सरकारी मूल्य पर धान खरीद व्यवस्था इस बार नई दिशा दिखा रही है। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के जरिए धान की खरीद-बिक्री ने किसानों को आर्थिक राहत और पारदर्शिता दोनों प्रदान की है।
किसान खुद बेच रहे हैं धान, फिर जरूरत पर खरीद भी रहे हैं
कई किसान इस साल अपना धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एफपीओ को बेच रहे हैं और यदि आवश्यकता पड़ती है तो वहीं से दोबारा धान खरीद भी रहे हैं। इससे किसानों को बाजार की अनिश्चित कीमतों से राहत मिली है और बेहतर मूल्य सुनिश्चित हुआ है।
समिति अध्यक्ष रमाकांत बागड़ी ने बताया कि इस वर्ष 155 क्विंटल धान की खरीद एफपीओ के माध्यम से की गई है, और बड़ी संख्या में किसान इस व्यवस्था से जुड़ रहे हैं।
बाजार में कम कीमत की वजह से एफपीओ बना सहारा
किसानों का कहना है कि मंडियों में धान की कीमत एमएसपी से काफी कम मिल रही थी। ऐसे में एफपीओ के केंद्रो से धान बेचकर उन्हें तय दर का लाभ मिला है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है और पारदर्शी लेन-देन संभव हुआ है।
कृषि अधिकारियों ने सराहा मॉडल
कृषि विभाग का मानना है कि एफपीओ मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का बड़ा कदम है। इससे किसानों को उचित मूल्य, समय पर भुगतान और सरकारी प्रक्रिया से सीधा जुड़ाव मिल रहा है।
स्थानीय प्रशासन करेगा मॉडल का विस्तार
प्रशासन के अनुसार, एफपीओ के जरिए धान खरीद-बिक्री प्रक्रिया को और विस्तारित किया जाएगा ताकि कोई भी किसान अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर न हो।




