नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट समेत दिल्ली की निचली अदालतों के बार एसोसिएशंस के 21 मार्च को चुनाव संपन्न हुए। तीन बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम आ चुके हैं जबकि दो बार एसोसिएशन के चुनाव अव्यवस्था की वजह से निरस्त कर दिए गए। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के लिए मतों की गिनती शुरू हो गई है। वहीं राऊज एवेन्यू कोर्ट में बैलेट बॉक्स से बैलट पेपर्स को अलग-अलग किया जा रहा है। तीस हजारी कोर्ट में ईवीएम मशीनों की सिक्वेंशिंग की जा रही है।
जिन बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए हैं उनमें द्वारका कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट और रोहिणी कोर्ट के चुनाव परिणाम शामिल हैं। पटियाला हाउस कोर्ट में नई दिल्ली बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम के मुताबिक अध्यक्ष पद पर नागेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष पद पर नवनीत पंवार, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट पर विमल वर्मा, सेक्रेटरी पद पर तरुण राणा, एडिशनल सेक्रेटरी पद पर नवीन कपिला, ज्वायंट सेक्रेटरी पद पर अंकुर त्यागी और कोषाध्यक्ष पद पर आस्था गुप्ता ने जीत दर्ज की है।
द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में अवनीश राणा ने अध्यक्ष, विवेक डागर ने उपाध्यक्ष, करमवीर त्यागी ने सेक्रेटरी, हेमंत वर्मा ने एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर जीत दर्ज की है। वहीं रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में राजीव तेहलान ने अध्यक्ष, मूलचंद वर्मा ने उपाध्यक्ष, प्रदीप खत्री ने सेक्रेटरी, विवेक शौकीन ने एडिशनल सेक्रेटरी, प्रवीण डबास ने ज्वायंट सेक्रेटरी, आशा ज्योति आर्या ने कोषाध्यक्ष के पद पर चुनाव जीत दर्ज की है।
दिल्ली की अदालतों में बार एसोसिएशंस के चुनाव में इस बार भारी अव्यवस्था देखने को मिली। चुनाव के दौरान सभी दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गई। दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव के दौरान जिन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से मतगणना काफी दिनों तक रोक दी गई थी उन दिशा-निर्देशों का पालन यहां भी नहीं हुआ। मतदान के दौरान सभी कोर्ट कैंपस में पोस्टर, पर्चे और पंपलेट्स सड़कों पर अटे पड़े थे।
दिल्ली के दो कोर्ट में 21 मार्च को हुए चुनाव निरस्त भी कर दिए गए। साकेत कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट में चुनाव निरस्त कर दिए गए। साकेत कोर्ट में चुनाव के दौरान वकीलों ने निर्वाची अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए बैलट बॉक्स तोड़ दिया जिसके बाद चुनाव निरस्त कर दिया गया। यही हाल कड़कड़डूमा कोर्ट का भी रहा। वहां भी निर्वाची अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगने क बाद कुछ वकील ईवीएम लेकर भागे। उसके बाद चुनाव निरस्त कर दिया गया।