मंडी, 03 जून (हि.स.)। मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल में बलद्वाड़ा की नगरोटी खड्ड में खेत की खुदाई के दौरान 2001 में निकले बरसेलों को अब नया ठिकाना मिलेगा। कुशल कारीगरी की मिसाल यह प्राचीन बरसेले बलद्वाड़ा के मुंशी राम को मिले थे जिन्हें प्रशासन व भाषा विभाग के सहयोग से दस साल प्रयास करने के बाद 2011 में हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी में स्थापित किया गया था। गैलरी के संचालक बीरबल शर्मा के अनुसार मुंशी राम के साथ लगातार संपर्क रखने पर दस साल बाद उन्होंने इसे फोटो गैलरी में रखने के लिए हामी भरी थी। तत्कालीन उपायुक्त डॉ अमनदीप गर्ग ने इनको स्थापित करने के लिए विधिवत शुरूआत की थी। 2018 में जब कीरतपुर मनाली फोरलेन की जद में हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी आ गई थी तो फिर से एक बार प्रयास करके इन्हें सुरक्षित व दर्शनीय स्थल पर स्थापित किया गया था मगर अब फिर से इस संग्रहालय की जमीन का अधिग्रहण पठानकोट मंडी मार्ग के लिए हो गया है। ऐसे में इस भवन को तोड़ा जा रहा है।
बीरबल शर्मा ने बताया कि प्रशासन व संबंधित विभागों से इन बरसेलों को कहीं उचित जगह पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया था। हाल ही में अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठोर व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडी ने संयुक्त तौर पर निरीक्षण करके इन्हें मंडी के बिजै स्कूल परिसर या कांगणी स्थित संस्कृति सदन परिसर में स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी थी। इसी क्रम में मंगलवार को लोक निर्माण की टीम इनको सावधानी से निकाल कर सुरक्षित जगह पर ले गई। अब जल्द ही इनको नया ठिकाना मिलेगा।
प्रख्यात साहित्यकार एवं पूर्व प्राचार्य रूप शर्मा बलद्वाड़ा के अनुसार शोध बताता है कि ये बरसेले 200 साल से भी अधिक पुराने हैं तथा इनमें एक इतिहास का वर्णन है। बीरबल शर्मा ने बताया कि उन्हें इस बात का संतोष है कि यह ऐतिहासिक धरोहर कहीं न कहीं सरकार व प्रशासन की देख रेख में कालांतर तक सुरक्षित रह सकेगी, भले ही उनके अनूठे संग्रह का हिस्सा रहे बरसेले अब उनके संग्रह में नहीं होंगे।