भाजपा का आरोप – बंगाल में जारी हैं फर्जी प्रमाणपत्र
बंगाल जन्म प्रमाणपत्र विवाद ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार बड़े पैमाने पर घुसपैठियों को जन्म प्रमाणपत्र जारी कर रही है।
आयोग से कड़ी जांच की मांग
भाजपा का कहना है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले राज्य में जन्म प्रमाणपत्रों का बैकडेटेड रजिस्ट्रेशन बढ़ा है। पार्टी ने आयोग से मांग की कि 24 जून 2025 के बाद जारी प्रमाणपत्रों को तभी स्वीकार किया जाए, जब बूथ लेवल अधिकारी प्रत्येक दस्तावेज की जांच और सत्यापन करें।
स्थायी निवास प्रमाणपत्रों पर भी सवाल
भाजपा ने स्थायी निवास प्रमाणपत्रों पर भी गंभीर आपत्ति जताई है। पार्टी का दावा है कि स्थानीय प्रशासन राजनीतिक दबाव में गलत प्रमाणपत्र जारी कर रहा है। भाजपा ने आग्रह किया कि केवल ग्रुप-ए अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेजों को ही मान्यता दी जाए और हर प्रमाणपत्र का क्रॉस-वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए।
जाति प्रमाणपत्रों की भी जांच जरूरी
बंगाल जन्म प्रमाणपत्र विवाद के साथ-साथ भाजपा ने जाति प्रमाणपत्रों की सत्यता पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा कि 2011 से 2024 के बीच जारी ओबीसी-ए प्रमाणपत्रों को अंतिम न्यायिक निर्णय आने तक स्वीकार नहीं किया जाए।
भाजपा की चेतावनी – मतदाता सूची की शुचिता बनी रहे
भाजपा ने कहा कि आयोग की प्राथमिकता मतदाता सूची की शुचिता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करना होनी चाहिए। पार्टी ने चेतावनी दी कि अगर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर मतदाता सूची में नाम जोड़े गए, तो लोकतंत्र की नींव पर असर पड़ेगा।


                                    

