बदल गया बिहार का चुनावी मूड
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इस बार दशकों पुरानी राजनीति को तोड़ रहा है। अब वोटर जातीय पहचान से आगे सोच रहा है। मतदान व्यवहार में भरोसा और काम बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
महिलाएँ और युवा बने निर्णायक
पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान ने सबको चौंकाया। महिलाओं की सहभागिता पुरुषों से अधिक दर्ज हुई। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिला वोटर नया गेम चेंजर बन चुकी है।
फ्रीबी से आगे, भरोसे का दौर
मतदाता अब नारे या वादे से प्रभावित नहीं होते। सीधे खाते तक पहुँचे लाभ ने सच्चा भरोसा बनाया। इसलिए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीति और परिणाम दोनों का प्रभाव दिख रहा है।
डिजिटल प्रचार ने बनाई नई दिशा
अब पोस्टर और दरी का चुनाव नहीं है। प्रचार का पूरा मैदान मोबाइल और रील में बदल गया। एनडीए, महागठबंधन और तीसरा मोर्चा सोशल मीडिया पर सीधे आम जनता से जुड़ रहे हैं।
जातीय समीकरण हुआ कमजोर
विशेषज्ञ मानते हैं कि अब वोटर पूछ रहा है कि सरकार ने क्या दिया, क्या बदला और क्या सुधरा। यही कारण है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जाति नहीं, विकास चर्चा का केंद्र बन चुका है।




