नेताओं से संयम बरतने की अपील
उत्तर प्रदेश की काशी से संतों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम पर छिड़े विवाद को लेकर नेताओं से संयम बरतने की अपील की। काशी सुमेरूपीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है और उसे कटघरे में खड़ा करना उचित नहीं है।
विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया
शंकराचार्य ने बताया कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है। घर-घर जाकर सरकारी कर्मचारी मतदाताओं का विवरण चेक करते हैं। इसमें त्रुटि होने पर स्थानीय स्तर पर सुधार संभव है। इसे ‘वोट चोरी’ कहकर किसी राजनीतिक दल को निशाना बनाना सही नहीं है।
लोकतंत्र और जनता सर्वोपरि
स्वामी नरेन्द्रानंद ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है। भ्रम और संशय फैलाने से जनता गुमराह होती है और लोकतंत्र पर प्रश्न उठते हैं। नेताओं को चाहिए कि वे अपनी नाकामी छिपाने के लिए एक-दूसरे पर दोषारोपण करना बंद करें।
स्थायी संस्था का सम्मान
शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन चुनाव आयोग स्थायी रहेगा। इसे बदनाम करने का प्रयास देश और लोकतंत्र दोनों के लिए हानिकारक है। सभी दलों से अपील की गई कि वे मतदाता सूची में सुधार के लिए सहयोग करें और भ्रम फैलाने से बचें।