बीकानेर, 22 सितंबर (हि.स.) – बीकानेर की प्रसिद्ध कैमल आर्ट को प्रोत्साहित करने के लिए आरसेटी ने बीएसएफ कैंपस स्थित आरवीटीसी प्रांगण में सात दिवसीय उस्ता कला प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का आयोजन भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान और आर्मी विमेंस वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
उद्घाटन एवं मुख्य कार्यक्रम
शिविर का उद्घाटन एडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष वैशाली शेरोन, उपाध्यक्ष प्रिया राणा और आरसेटी निदेशक रुपेश शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन समारोह में प्रतिभागियों को संस्थान द्वारा ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के कौशल विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई।
उस्ता कला का महत्व
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कलाकार मोहम्मद हनीफ़ उस्ता ने प्रतिभागियों को उस्ता कला के इतिहास, महत्व और तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कला बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है और इसे युवाओं और महिलाओं तक पहुँचाना आवश्यक है।
सहभागी एवं सहयोगी
इस अवसर पर बीएसएफ के कर्नल चंदन सिंह चौहान, मेजर राहुल यादव, और आरसेटी की शशिकला, कुमारी सना मिर्ज़ा एवं सरिता सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आयोजकों ने कहा कि इस प्रशिक्षण शिविर से ग्रामीण युवाओं को रोजगार और हुनर बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
सार
आरसेटी और एडब्ल्यूडब्ल्यूए का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और युवाओं के लिए कौशल विकास और कला संरक्षण को बढ़ावा देना है। बीकानेर की कैमल आर्ट को प्रोत्साहित करने से न केवल सांस्कृतिक पहचान बनी रहेगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।