बीकानेर, 4 नवंबर (हि.स.)। देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हुए शादी-ब्याह के मौसम में बाल विवाह रोकथाम बीकानेर अभियान को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।
गैर सरकारी संगठन राजस्थान महिला कल्याण मंडल ने जिला प्रशासन से अपील की है कि बाल विवाह रोकने के लिए सख्त निगरानी रखी जाए।
संगठन की अपील और जनजागरूकता
संगठन ने कहा है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि कोई भी बाल विवाह बिना जानकारी के संपन्न न हो।
लोगों से भी अपील की गई है कि अगर किसी को बाल विवाह की जानकारी मिले, तो वह तुरंत पुलिस हेल्पलाइन (112) या चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर सूचना दें।
संगठन के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि मंडल लंबे समय से जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए कार्यरत है।
बाल अधिकार संरक्षण पर जोर
संगठन ने बताया कि यह ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के अंतर्गत बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है।
टीमें स्कूलों, समुदायों और गांवों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं।
इसके अलावा, धार्मिक नेताओं और समाजसेवियों को भी इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है।
सरपंचों और स्कूलों को निर्देश
मंडल ने जिला प्रशासन से कहा है कि सभी सरपंच और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में होने वाले विवाहों की जानकारी रखें।
स्कूलों से भी अनुरोध किया गया है कि किसी छात्र की अचानक अनुपस्थिति पर कारण पता करें।
कानून और सजा का प्रावधान
संगठन ने याद दिलाया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार, इसमें भाग लेने या सहयोग करने पर दो साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।
राजस्थान महिला कल्याण मंडल के निदेशक राकेश कौशिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार दोनों ने जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।




