मनरेगा का नाम बदलना दुखद : राकेश सिन्हा
झारखंड कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने महात्मा गांधी नेशनल रूरल रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदले जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। शनिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने इसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि योजनाओं और कानूनों के नाम बदलने में भाजपा माहिर हो चुकी है।
ब्रांडिंग और पैकेजिंग में माहिर है भाजपा
राकेश सिन्हा ने कहा कि भाजपा ने पहले भी कई जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम बदले हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि निर्मल भारत अभियान को स्वच्छ भारत अभियान, और ग्रामीण एलपीजी वितरण योजना को उज्ज्वला योजना के नाम से पेश किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा योजनाओं की पैकेजिंग, ब्रांडिंग और नामकरण में तो दक्ष है, लेकिन नई योजनाएं लाने में विफल रही है।
गांधी और नेहरू को लेकर विरोधाभास
सिन्हा ने भाजपा की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा पंडित जवाहरलाल नेहरू को पसंद नहीं करती, लेकिन अब महात्मा गांधी के नाम वाली मनरेगा योजना को “पूज्य बापू रोजगार गारंटी योजना” का नाम देने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक विरोधाभास है और इससे भाजपा की नीयत पर सवाल उठते हैं।
असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नाम बदलकर जनता का ध्यान बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले रुपये के ऐतिहासिक रूप से कमजोर होने, और वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दों से भटकाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भाजपा सरकार जनता के लिए कोई नई ठोस योजना नहीं लाई, बल्कि कांग्रेस सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर अपनी पीठ थपथपाती रही।
जनता को गुमराह करने का प्रयास
राकेश सिन्हा ने कहा कि भाजपा केवल नाम बदलकर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है, जबकि वास्तविक मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है।



