मुर्शिदाबाद, 4 जून (हि.स.)।
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। सीमा पार घुसपैठ रोकने के प्रयास में एक बीएसएफ जवान अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर गया, जहां स्थानीय लोगों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया और पिटाई की। बाद में उसे बॉर्डर गार्ड ऑफ बांग्लादेश (BGB) को सौंपा गया, जिन्होंने फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को भारत को वापस कर दिया।
🪖 क्या था मामला?
बीएसएफ के जवान का नाम श्री गणेश बताया गया है। यह घटना बांग्लादेश के नारायणपुर यूनियन के सात रशिया गांव की है, जो सीमा की जीरो लाइन के बेहद करीब है। बकरी का पीछा करते हुए दो बीएसएफ जवान गलती से सीमा पार कर गए। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने एक जवान को पकड़ लिया, जबकि दूसरा वापस भाग निकला।
ग्रामीणों ने पकड़े गए जवान को केले के पेड़ से बांध दिया और उसकी पिटाई कर दी। फिर उसे बीजीबी को सौंप दिया गया। यह पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे मामला तूल पकड़ गया।
🇧🇩 बांग्लादेशी अधिकारियों की पुष्टि
चांपाईनवाबगंज बटालियन 53 बीजीबी के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल फहद महमूद रिंकू ने जवान की गिरफ्तारी की पुष्टि की। नारायणपुर यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद नजीर हुसैन ने बताया कि बकरी अक्सर जीरो लाइन के पास चरने जाती हैं, इसी कारण यह टकराव हुआ।
🇮🇳 बीएसएफ ने दी स्पष्टीकरण
बीएसएफ की ओर से कहा गया कि एक बांग्लादेशी चरवाहा भारतीय सीमा में घुस आया था, जिसे पकड़ने के प्रयास में 71वीं नूरपुर बटालियन का जवान अनजाने में सीमा पार कर गया। इसके बाद बीजीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन फ्लैग मीटिंग के जरिए शांतिपूर्वक जवान को वापस भारत भेज दिया गया।
⚠️ घटना के मायने और सुरक्षा पर सवाल
यह घटना सीमा पर तैनात बलों के लिए संवेदनशीलता और संयम बरतने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। वहीं, स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया से यह भी स्पष्ट होता है कि सीमा पर तनाव और गलतफहमियां कैसे गंभीर रूप ले सकती हैं।