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स्पर्श ध्यान पीठ की तर्ज़ पर होगा बागेश्वर धाम कैंसर अस्पताल का निर्माण : सतीश राय

प्रयागराज, 25 फरवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में भारत की कुल जनसंख्या की आधे से ज्यादा आबादी ने तन की शुद्धि के साथ-साथ मन और अंतरआत्मा की शुद्धि का स्नान किया है। हमारे ऋषि मुनियों की इस धरती पर आने वाले समय में सनातन धर्म की शक्तियों से रोगों का उपचार होगा।

यह बातें एस केआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान रेकी सेंटर पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने कही। उन्होंने कहा हमारे पूर्वजों का विज्ञान हमारी कल्पना से बहुत आगे था। तभी तो हमारे पूर्वज यज्ञ के द्वारा वर्षा करा देते थे, तन और मन को प्रकृति से जोड़कर भारतीय शास्त्रीय संगीत की राग से भी वर्षा करवा देते थे। अब समय आ गया है कि इस पर शोध किया जाए।

-स्पर्श चिकित्सा की पुस्तक में अंकित है स्पर्श ध्यान पीठ का नक्शा

वैदिक काल की तर्ज़ पर बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल की नींव रखी जा रही है। इसका निर्माण स्पर्श ध्यान पीठ की तर्ज पर हो रहा है। वर्ष 2015 में सतीश राय की पुस्तक “सूक्ष्म शक्तियां एवं स्पर्श उपचार“ के पृष्ठ भाग पर स्पर्श ध्यान पीठ की फोटो अंकित है।

-रोगों में चमत्कारिक रूप से होगा फायदा

सतीश राय ने कहा, यह दुनिया का सबसे अनोखा अस्पताल होगा। इसका निर्माण पिरामिड के आकार का होने के कारण इस अस्पताल में जिसका भी उपचार होगा उसे चमत्कारिक स्तर पर फायदा होगा। इसका कारण यह है कि इसके मध्य में ऊर्जा का क्षेत्र होगा जहां पर किसी भी व्यक्ति को सिर्फ बैठा दिया जाए तो प्रकृति उसका उपचार स्वयं करेगी। किसी भी बीमारी का इलाज रोगी के वहां बैठने मात्र से शुरू हो जाएगा।

-वर्ष 2015 के रिसर्च में मिली है सफलता सतीश राय ने बताया कि, स्पर्श ध्यान पीठ पर रिसर्च 2015 में पूरा हो गया था। इसमें सफलता भी मिली थी, लेकिन इसके निर्माण की लागत ज्यादा थी। संस्था आर्थिक रूप से कमजोर है अतः धनाभाव के कारण इस पीठ का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है।

–केमिकल एनर्जी और यूनिवर्सल एनर्जी से होगा उपचारसतीश राय ने कहा बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का निर्माण देश के लिए गौरव की बात है। यह विश्व का पहला अस्पताल होगा जहां केमिकल एनर्जी और यूनिवर्सल एनर्जी मिलकर उपचार करेंगी।

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