चेन्नई, 30 जनवरी (हि.स.)। ग्रेटर चेन्नई निगम (जीसीसी) ने मवेशियों और पालतू जानवरों को माइक्रोचिप लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। इसका उद्देश्य आवारा मवेशियों के हमलों को रोकना और शहरी मवेशी प्रबंधन में सुधार करना है ताकि लावारिस पशुओं से निजात मिल सके।
ग्रेटर चेन्नई निगम (जीसीसी) ने अपनी परिषद की बैठक के दौरान मवेशियों और पालतू जानवरों को माइक्रोचिप लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। सूत्रों के अनुसार, इस योजना में आवारा मवेशियों के लिए शेड सुविधाओं के साथ-साथ माइक्रोचिप लगाने के लिए पशु चिकित्सालयों में सुविधाएं शामिल की गई है।
बताया गया है कि आरएफआईडी-आधारित माइक्रोचिप लगाए जाएंगी जिससे ट्रैकिंग और पहचान संभव होगी। पशु चिकित्सालयों में माइक्रोचिप लगाने की सुविधा के साथ-साथ लावारिस मवेशियों के लिए शेड सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इस पहल से मवेशी प्रबंधन में सुधार होगा। साथ ही यह बताया गया है कि इससे लावारिस मवेशियों के हमलों में कमी आएगी और पशु कल्याण में वृद्धि होगी। जीसीसी का उद्देश्य इस अभिनव समाधान के माध्यम से एक सुरक्षित और अधिक जिम्मेदार शहरी वातावरण को बढ़ावा देना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि माइक्रोचिप लगाना एक अत्यंत आधुनिक पशु प्रबंधन व्यवस्था है जो आमतौर पर शुरुआती चरण में हाथियों जैसे वन्यजीवों के लिए आरक्षित तकनीक का प्रयोग किया गया लेकिन अब शहरी मवेशी प्रबंधन के लिए फिर से इस्तेमाल किया जा रहा है।